लाल चंदन | RED SANDALWOOD

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लाल चंदन के विषय में –

भारत में फल, फूल, सब्जी, अनाज और लकड़ियों की ऐसी दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं, जिन्हें उगाना तो आसान है, लेकिन इनकी कीमत करोड़ों में होती है। ऐसी ही एक प्रजाति है लाल चंदन की। जी हां,….अभी तक सिर्फ सफेद चंदन के बारे में सुना था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल चंदन को दुनिया की सबसे दुर्लभ पर सबसे महत्वपूर्ण लकड़ी माना जाता है। इसका इस्तेमाल संगीत के वाद्य यंत्र बनाने, फर्नीचर और मूर्तियां बनाने के अलावा और औषधियां बनाने के लिये किया जाता है। लाल चंदन की मांग तो दुनियाभर में होती है, लेकिन इसका सबसे अच्छा उत्पादन सिर्फ भारत में ही होता है।

लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम टेरोकार्पस सैन्टनस है जबकि सफ़ेद चंदन को ‘सैंटलम अल्बम’ के नाम से जाना जाता है और ये दोनों अलग जाति के पेड़ हैं।” सफ़ेद चंदन की तरह रक्त चंदन का उपयोग अमूमन दवाएँ या इत्र बनाने और हवन-पूजा के लिए नहीं होता लेकिन इससे महंगे फर्नीचर और सजावट के सामान बनते हैं और इसका प्राकृतिक रंग कॉस्मेटिक उत्पाद और शराब बनाने में भी इस्तेमाल होता है।

कहां उगता है लाल चंदन :
लाल चंदन के पेड़ मुख्यतः तमिलनाडु से लगे आंध्र प्रदेश के चार ज़िलों – चित्तूर, कडप्पा, कुरनूल और नेल्लोर – में फैले शेषाचलम के पहाड़ी इलाक़े में उगते हैं। लगभग पांच लाख वर्ग हेक्टेयर में फैले इस जंगली क्षेत्र में पाए जाने वाले इस अनोखे पेड़ की औसत उंचाई आठ से ग्यारह मीटर होती है और बहुत धीरे-धीरे बढ़ने की वजह से इसकी लकड़ी का घनत्व बहुत ज़्यादा होता है। जानकार बताते है कि लाल चंदन की लकड़ी अन्य लकड़ियों से उलट पानी में तेजी से डूब जाती हैं क्योंकि इसका घनत्व पानी से ज़्यादा होता है, यही असली रक्त चंदन की पहचान होती है.

लाल चंदन का इतिहास :
वर्तमान में लाल चंदन की मांग सबसे ज़्यादा चीन में ही है क्योंकि वहां पर इसकी लोकप्रियता चौदहवी से सत्रहवीं शताब्दी के मध्य तक राज करने वाले मिंग वंश के समय से बनी हुई है। मीडिया रिपोर्टस बताती हैं कि मिंग वंश और उसके बाद के शासकों के बीच लाल चंदन की लकड़ी के प्रति दीवानगी का पता इस बात से चलता है कि वहां ‘रेड सैंडलवुड म्यूज़ियम’ नाम का एक विशेष संग्रहालय है जहां लाल चंदन से बने अनगिनत फर्नीचर और सजावटी सामान संजोकर रखे गए हैं।

लाल चंदन के स्वास्थय लाभ :
त्वचा की देखभाल के लिए इसके पाउडर का उपयोग किया जाता है। यह दाग-धब्बों को कम करने और मुंहासों के इलाज में बहुत कारगर बताया गया है। इसमें कूलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो सूरज की रोशनी से हुए स्किन टैन को दूर करने में भी मदद करता है। इसके पाउडर को गुलाब जल, नारियल का तेल, गर्म पानी आदि में मिलाकर लगाया जाता है। लाल चंदन के पाउडर का लेप सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन कम हो सकती है और दर्द भी काफी हद तक दूर हो जाता है।

Samagralay Review : Nesar Red Sandalwood Soap

लाल चंदन अपने आओ में एक ख़ास सामग्री है या कहें लकड़ी हैं। खास होने के साथ-साथ महंगी भी है। लेकिन हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों से मिलकर बना है तो चंदन का उपयोग भी विभिन्न प्रकार से किया जाता है।
लाल चंदन को विशेष रूप से त्वचा की रंगत को सुधारने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। स्किन टैन को दूर करना हो या चेहरा ऑयली हो तो भी लाल चंदन के उबटन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में सामग्रलय को मिला एक ऐसा प्रोडक्ट को ये सभी काम एक ही प्रोडक्ट से करता है और वो प्रोडक्ट है Nesar का Red Sandalwood Soap/ लाल चंदन की होममेड साबुन।

1 – बढ़िया पैकेजिंग :
किसी भी रिव्यु को लिखने के लिए सबसे पहले प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर ही बात की जाती है। इस बार का प्रोडक्ट है लाल चंदन की साबुन तो जाहिर सी बात है लाल चंदन की खुशबू के बरकरार रखने के लिए पैकेजिंग बहुत ध्यान से करनी होती है क्योंकि साबुन की खुशबू के लीक होने का डर रहता है, लेकिन Nesar की पैकेजिंग एकदम बढ़िया और सुंदर भी है। प्यारे से एक बॉक्स में अंदर साबुन को पॉलिथीन से सील पैक किया होता है। जिससे खुसबू बरकरार रहे।

2 – Key Ingredients of Red Sandalwood Soap :
1- Coconut Oil
2 – Castor Oil
3- Palm Oil
4- Olive Oil
5- Red Sandalwood Powder

3 – कैसे करें इस्तेमाल :
लाल चंदन की साबुन को गर्म पानी के साथ इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। पानी से चेहरा गीला करने के बाद हल्के हाथों से साबुन को चेहरे पर रगड़ें, इससे झाग बनना शुरू होंगें। थोड़ी देर मसाज करें उसके बाद चेहरे को अच्छे से धो लें।

4 – स्किन को रखे साफ़ और चमकदार:
लाल चंदन की साबुन चेहरे पर जमे अतिरिक्त ऑयल को हटाती है साथ ही एक साफ और चमकदार स्किन भी देती है। जरूरी बात ये है कि Nesar Red Sandalwood Soap इस्तेमाल करने के बाद चेहरे में खिंचाव नहीं आता जो सामान्य बाज़ारों में मिलने वाली साबुन से आता है।

5 – लोकल जगहों को प्राथमिकता :
Samagralay का हमेसा प्रयास यही रहता कि जितना हो सके लोकल प्रोडक्ट्स को हम वेबसाइट पर जगह दें। जो सामग्री जहां उगती है वहाँ पर ही उसका प्रोडक्ट तैयार होता है तो ऑथेंटिसिटी और फ्रेशनेस बरकरार रहती हैं और मिलावट होने का चांस भी कम होता है। Nesar की Red Sandalwood Soap बनती है बंगलोर में।

सामग्रालय का अनुभव –
सामग्रालय का रिव्यू हमेशा किसी भी प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के बाद ही लिखा जाता है। इसीलिए अगर आप यहाँ तक पहुंच ही गए है तो एक बार नीचे दिए गए लिंक पर जाकर खुद को सेहतमंद बनाने की तरफ एक क्लिक बढ़ाएं।

लाल चंदन के उपयोग

  • महंगे फर्नीचर
  • सजावट के सामान
  • प्राकृतिक रंग बनाने में
  • औषधियां, मूर्तियां बनाने में
  • कॉस्मेटिक उत्पादों में इस्तेमाल

लाल चंदन के फायदे

  • त्वचा का टैन से बचाव
  • दाग-धब्बों का इलाज
  • मुहांसों का इलाज करे
  • चेहरे की ड्राइनैस/झाइयां दूर करे
  • सूजन होने पर लेप का इसेतमाल

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