खपली गेंहू | KHAPLI WHEAT

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खपली गेंहू के विषय में –

आजकल लोग भूलाए जा चुके खानों या सामग्रियों की तरफ फिर से लौट रहे हैं। खपली गेंहू उसी का ही एक उदाहरण है। अगर कोई अपनी डाईट को लेकर सजग होगा तो उसने खपली गेंहू के बारे में जरूर सुना होगा या अपनी डाईट में शामिल जरूर किया होगा।

आखिर क्या है खपली गेंहू:
खपली गेंहू सदियों पुराना गेंहू है जिसका अर्थ है -‘क्रस्टी गेंहू’। खपली का वैज्ञानिक नाम होता है – Triticum Discoccum जो भारत में ज्यादातर महाराष्ट्र राज्य में उगाया जाता है। खपली गेंहू महाराष्ट्र के मुश्किल से मुश्किल मौसम को भी झेल सकता है। जैसा की उसके नाम से पता चलता है कि इस गेंहू के बाहर का जो छिलका होता है वो बेहद कठोर होता है और वो गेंहू के दानों को बाहरी कड़े मौसम से बचा कर रखता है।

सामान्य गेंहू से कैसे अलग है खपली गेंहू:
आकार की बात करें तो खपली गेंहू सामान्य गेंहू से आकार में थोड़ा बड़ा होता है लकिन पौष्टिक तत्वों की बात की जाए तो दोनों ही प्रकार के गेंहू में ज्यादा अंतर नहीं होता। खपली गेंह में फाइबर, वसा, प्रोटीन की मात्रा सामान्य गेंहू से थोड़ी अधिक पाई जाती है जबकि कैल्शियम, फॉसफोरस और आयरन की मात्रा सामान्य गेंहूं में थोड़ी अच्छी पाई जाती है।

क्या खपली गेंहू है Gluten free:
किसी भी अन्य गेंहू की तरह ही खपली गेंहू में भी सामान्य ग्लूटन पाया जाता है जबकि माना जाता है कि खपली गेंहू से बना आटा ग्लूटन फ्री होता है। ग्लूटन एक प्रकार की प्रोटीन होता है जो गेंहू, ज्वार, बाजरा और राई जैसे अनाजों में पाया जाता है जो दो प्रकार के प्रोटीन से बनता है एक है Glutenin और दूसरा है Giladin, ये दोनों आपसे में एक दूसरे से चिपके रहते है। Glutenin घुलनशील होता है जबकि Giladin घुलनशील नहीं होता।

खपली गेंहू के फायदे:
खपली गेंहू प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। 100 ग्राम खपली गेंहू में 12.5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है जो किसी भी प्रकार की दाल या अन्य अनाजों में पाए जाने वाले प्रोटीन से ज्यादा होती है। फाइबर की बात की जाए तो खपली गेंहू में रागी से भी अधिक फाइबर पाया जाता है। फाइबर की मात्रा अच्छी होने के कारण इसको खाने के बार भूख कम लगती है और आप बेवक्त खाने से बच पाते है जिससे वज़न की कंट्रोल में रहता है। खपली को खाने के लिए सर्वोत्तम तरीका है इसको रात भर भिगो कर रखने के बाद खाना ताकि पचने में आसानी रहे।

Samagralay Review : OOOFP (Om Ojas Organic Products PVT.LTD) Khapli Wheat Flour

गेहूं का आटा या गेहू का आटा एक प्रमुख रसोई सामग्री है क्योंकि आप इससे चपाती, परांठे और यहां तक कि मिठाई (हलवा) भी बना सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह स्वास्थ्य लाभ और फाइबर से भरा हुआ है जो पाचन तंत्र को बढ़ाता है लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि गेहूं का एक प्रकार है जो नियमित रूप से अधिक पौष्टिक है? हां, यह खापली गेहूं है जो सामान्य गेहूं से महंगा है लेकिन यह उचित है क्योंकि यह पारंपरिक संस्करण की तुलना में दोगुना स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

OOOFP (Om Ojas Organic Products PVT.LTD) Khapli Wheat Flour :
हमारे भारतीय रसोईघरों में चाहे कोई मसाला हो या ना हो, चाहे कोई सब्जी हो या ना हो एक चीज है जो हमेशा रसोईघर में पाई जाती है और वो है आटा…। हमारे देश में कोई ऐसा राज्य नहीं जहाँ रोटी या ब्रेड ना खाई जाती हो। तो ऐसे में अगर आटा इतनी मात्रा में उगाया और खाया जा रहा है तो उसकी गुणवत्ता को बरकरार रखना एक बड़ा चैलेंज है। सामग्रालय लाया है एक पुराने गेंहू के आटे की जानकारी जिसे ‘खपली गेंहू का आटा’ कहा जाता है जिसे उपलब्ध करा रहे हैं OOOFP (Om Ojas Organic Products PVT.LTD)

1- पैकिंग :
खपली गेंहू की पैकिंग काफी अच्छी की गई है। गेंहू भी सुनहरा होता है तो आटे के पैकेट को भी सुनहरे रंग का बनाया गया है। पारदर्शी पैकेजिंग कारण पैकेट के अंदर क्या प्रोडक्ट है वो आप देख सकते हैं जो की खरीदने वाले के लिए आसान रहता है खरीदने से पहले प्रोडक्ट को देख पाना। पैकेट के लेबल पर आपको प्रोजक्ट के बारे में सब जानकरी भी मिल जाती है। उत्तर-प्रदेश के मेरठ का ब्रांड OOOFP (Om Ojas Organic Products PVT.LTD) के प्रोडक्ट्स प्राकृतिक तरीकों से उगाए जाते हैं।

2- खपली गेंहू क्यों :
 खापली गेहूं, जिसे एम्मर/emmer गेहूं के रूप में भी जाना जाता है, प्रोटीन, खनिज, लिपिड, लोहा, फाइबर, और कई विटामिनों से भरपूर होता है, ये सभी एक स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक हैं।
खपली के आटे में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में शुगर को देरी से रिलीज करने में मदद करता है, इसने मधुमेह के रोगियों के लिए अद्भुत काम किया है।

 खपली आटा को अपने आहार में शामिल करने से शरीर में स्वास्थ्य समस्याएं कम होती हैं। स्वास्थ्य पेशेवर भी खपली आटा के सेवन की सलाह देते हैं।

 खपली आटा मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है क्योंकि इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और यह एक स्वस्थ हृदय प्रणाली को बनाए रखने में मदद करता है।

3- आकर्षक विज्ञापनों वाले ब्रांड्स से बचें :
सामान्य तौर पर जो आटा हम मार्किट से लेकर आ रहे हैं उनमें से अधिकतर में गेंहू के नाम पर मैदा की मिलावट की जाती है। आटे में चौकर की मात्रा बिल्कुल गायब हो चुकी है। बाडार में मिलने वाले पैकेट आटे मल्टीग्रेन आटे का नाम पर भी मैदा ही बेच रहे होते हैं, इसीलिए पुराने गेंहू और बिना मिलावट के आटे का सेवन करना बेहद जरूरी है।

4- हेल्दी, ऑरगैनिक और शुद्धता पर फोकस :
Samagralay का हमेसा प्रयास यही रहता कि जितना हो सके लोकल प्रोडक्ट्स को हम वेबसाइट पर जगह दें। जो सामग्री जहां उगती है वहाँ पर ही उसका प्रोडक्ट तैयार होता है तो ऑथेंटिसिटी और फ्रेशनेस बरकरार रहती हैं और मिलावट होने का चांस भी कम होता है।

सामग्रालय का अनुभव :
सामग्रालय का रिव्यू हमेशा किसी भी प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के बाद ही लिखा जाता है। इसीलिए अगर आप यहाँ तक पहुंच ही गए है तो एक बार नीचे दिए गए लिंक पर जाकर खुद को सेहतमंद बनाने की तरफ एक क्लिक बढ़ाएं।

खपली गेंहू के व्यंजन

  • रोटी
  • लड्डू
  • परांठे
  • हलवा

खपली गेंहू के फायदे

  • कोलेस्ट्रोल कम करे
  • फाइबर की भरपूर मात्रा
  • कब्ज की समस्या दूर करे
  • दिल की बीमारियों को दूर रखे

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