हिमालयन बेरी

हिमालयन बेरी

डालेचुक, हिप्पोफेई, लेह बेरी, गोल्ड माइन, हिमालनय बेरी या लाली…..सब एक ही फल के नाम हैं, जिसे अंग्रेजी में SEA BUCKTHORN कहा जाता है। हमारे देश में यह जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, सिक्किम और उत्तराखंड में पाया जाता है। लद्दाख में एक फ्रूट-जूस मिलता है ‘लेह बेरी’ वह इसी सी-बकथोर्न पौधे के फलों का जूस है जो काफी मशहूर है लेह में। इस जूस की खासियत यह है कि कितनी ही ठंड पड़े, यह जमता नहीं। शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर भी नहीं। सियाचिन ग्लेशियर हो या द्रास-कारगिल यह वहां भी नहीं जमता।

करोंदा

करोंदा

करोंदा एक ऐसा फल जो  आपके घर के बगीचे में आसानी से उगते हुए देखा जा सकता है और इसकी खेती व्यावसायिक रूप से  भी की जाती है। ये हिमालय और पश्चिमी घाटों में पाया जाता है , इसका  झाडी  नुमा पेड़  उत्तरी क्षेत्र में अच्छी तरह से जाना जाता है।

लसोड़ा

लसोड़ा

लसोड़ा के विषय में –
भारतीय उपमहाद्वीप को विभिन्न स्वदेशी जामुन और फलों का गढ़ माना गया है।इनमें से कुछ मध्य भारत के प्राकृतिक / कुदरती माहालों में उगते हैं जो थोड़े कठोर होते हैं और उन्हें बहुत आसानी से उग जाते हैं | स्थानीय लोगों ने देशी सामग्रियों की मदद से इन्हें विकसित किया है। लसोड़ा या गोंदी ऐसा ही एक फल है। केर और करोंदा के साथ, लसोड़ा उत्तर और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों विशेषकर मारवाड़ी समुदाय में अचार के विकल्प के रूप में लोकप्रिय है। अचार को आमतौर पर गुंडे का अचार कहा जाता है।

फालसा

फालसा

हमारे शरीर को समय-समय पर बीमारियां और अन्य शारीरिक परेशानियां जकड़ लेती हैं। उनके इलाज के लिए हम डॉक्टर के पास अक्सर चक्कर लगाते हैं, लेकिन अगर फलों का सही तरीके से सेवन किया जाए, तो शरीर को कई बीमारियों और छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सकता है। इसी क्रम में हम आपको आकार में मटर के दानों जैसे दिखने वाले फालसा फल के फायदे के बारे में बताएंगे। फालसा चिलचिलाती गर्मी में आपके शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए एकदम सही फल है। गर्मियों में रोजाना फालसे का जूस पीने से आपके शरीर का तापमान कम हो सकता है। लू लगने से बचाव के लिए भी यह एक उपयोगी उपाय है।

गलगल

गलगल

गलगल नींबू की तरह दिखने वाला एक फल होता है लेकिन, नींबू के आकार से थोड़ा बड़ा बिलकुल संतरे जैसा। नींबू की ही तरह यह खट्टा और रस से भरपूर होता है। गलगल को दरअसल नींबू प्रजाति का ही फल माना जाना है जो एक पहाड़ी फल है जिसे पहाड़ी नींबू भी कहते हैं। भारत में खट्टे फलों की करीब 27 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से लगभग 23 पूर्वोत्तर भारत में पाई जाती हैं। गलगल की बात करें तो यह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित हिमालय के उत्तर-पश्चिमी तलहटी में अधिक पाया जाता है।

हेजलनट

हेजलनट

हेजलनट (Hazelnut) एक जड़ी-बूटी है, जिसे कोबनट या फिल्बर्ट नट भी कहा जाता है। इसका बोटेनिकल नाम कोरीलस है, जो कि बिर्च (Birch) फैमिली से आता है। यह हल्के भूरे रंग का होता है। यह ज्यादातर टर्की, इटली, स्पेन और अमेरिका में उगाया जाता है। हेजलनट को कच्चा, भुन कर या इसका पेस्ट बनाकर सेवन किया जाता है और इसका स्वाद मीठा होता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे जम्मू और कश्मीर, उत्तरी पूर्वी हिमालय और उत्तराखंड में हेज़लनट उगाया जाता है।

कैर

कैर

अगर आपने कभी राजस्थान की यात्रा की है तो कैर | Kair की सब्जी जरूर खाई होगी। कैर | Kair राजस्थान जैसे गर्म प्रदेश के साथ ही हरियाणा के अरावली क्षेत्र में पहाडियों पर आसानी से उगा हुआ दिख जाता है।
कैर यहां का एक ख़ास फल है, जो सबसे ज़्यादा राजस्थान में ही उगता है। इसकी वजह कि कैर की खेती के लिए वहां की जलवायु उपयुक्त है। वैसे तो ये वहां झाड़ी के रूप में उग आता है, लेकिन किसान व्यवासायिक तौर पर कैर की खेती करके अच्छी आमदनी कर सकते हैं।

ललित अमरूद

ललित अमरूद

भारत में अमरूद एक बेहद ही लोकप्रिय फल है, जिसे देशभर में अलग-अलग जलवायु के अनुसार उगाया जाता है और अलग-अलग नामों से पहचाना भी जाता है। अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, प्रोटिन, फॉस्फोरस, और कैल्शियम पाया जाता है। अमरूद को खाने के अलावा जेम, जैली, चीज, टॉफी, जूस आदि के उत्पादन में उपयोग में लाया जाता है।
सामग्रालय में अमरूदों की किस्मों के बारे में जानकारी दे रहें हैं ताकि अगली बार जब आप अमरूद खाएं तो आपको पता रहे कि ये कौन से किस्म का अमरूद है और इसका नाम क्या है।सामग्रालय में अमरूदों की किस्मों के बारे में जानकारी दे रहें हैं ताकि अगली बार जब आप अमरूद खाएं तो आपको पता रहे कि ये कौन से किस्म का अमरूद है और इसका नाम क्या है।