चिराता

हमारे आसपास ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जो रोगों से लड़ने में फायदेमंद हैं भारत में इनका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। उन्हीं में से एक चिरायता/Swertia Chirata भी है। कई लोग चिरायता का स्वाद कड़वा होने की वजह से इसका सेवन नहीं करते। लेकिन, यह जितना कड़वा होता है, उतना ही रोगों से लड़ने में फायदेमंद भी होता है।

कुटकी

कुटकी

हिमालयन प्रदेशों में अनगिनत जड़ी-बूटियाँ पाईं जाती हैं जो हमारे स्वास्थ और पहाड़ी जीवन और दिनचर्या का हिस्सा बनती हैं। ऐसी ही पहाड़ी जड़ी-बूटी है ‘हिमालयन फरन’ जो उत्तराखंड में अधिक तौर पर पाई जाती है। यह जड़ी-बूटी कई स्वास्थय लाभों के मामले में अविश्वसनीय है। फरन के बारे में दिलचस्प जानकारी ये है कि ये प्याज परिवार से संबंधित है और उत्तराखंड की अल्पाइन घास के मैदानों में मूल रूप से पाई जाती है।

वन तुलसी

वन तुलसी

भारत में तुलसी एक अतिपवित्र पौधा माना जाता है। विशेषतः वनतुलसी का भारतीय मंदिरों में काफी उपयोग किया जाता है, जहाँ लक्ष्मी के अवतार के रूप में इसकी पूजा की जाती है। इसके अलावा पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इसका उपयोग किया जाता है। माना जाता है इस पौधे की कई प्रजातियों में वनतुलसी सबसे स्वादिष्ट और सबसे कठिनता से उगाई जाने वाली किस्म है। अत्यधिक गुणकारी और लोकप्रिय वनतुलसी को मीठी तुलसी के रूप में भी जाना जाता है।

कालमेघ

कालमेघ

प्राकृतिक वनस्पति की बात की जाए तो हमें अगिनत वनस्पतियाँ और जड़ी-बूटियाँ मिलती है अपनी प्रकृति से। लेकिन इन जड़ी-बूटियों और जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी कम ही होती है। ऐसा ही एक पौधा है कालमेघ। कालमेघ के पौधे का इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में लंबे समय से किया जा रहा है।

गिलोय

गिलोय

गिलोय एक पत्तेदार जड़ी-बूटी है। यह लता के रूप में पाई जाती है। आयुर्वेद में इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे – अमृता, गुडुची, चक्रांगी आदि। बुखार को ठीक करने के लिए इसका ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही विभिन्न बीमारियों से लड़ने एवं रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। पान के पत्तों की तरह के ही पत्ते गिलोय के होते हैं।

जिनसेंग

जिनसेंग

जिनसेंग एक औषधीय जड़ी-बूटी है जिसे जड़ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग वैसे तो अधिकतर रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है जैसे इम्यून सिस्टम को ठीक रखना साथ ही संक्रामक रोगों को से लड़ने के लिए शरीर को ताकत देता है।

सफेद मूसली

सफेद मूसली

सफेद मूसली एक औषधीय जड़ी-बूटी है। यह एक दुर्लभ जड़ी-बूटी है। दुनियाभर के दवाई निर्माता इसकी खोज में रहते हैं और खरीद करते हैं। उत्पादन कम होने और फायदे अनेक होने के कारण इसकी मांग ज्यादा है। औषधीय क्षमता होने के कारण सफेद मूसली की पूरी दुनिया में मांग तेजी से बढ़ रही है जिससे अब इसकी व्यवसायिक खेती भी होने लगी है।

मकोय

मकोय

हमारी प्रकृति में इंसान के स्वास्थ्य के लिए अनेक वनस्पतियां प्रदान की हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में हमें उनके औषधीय गुणों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती हैं। ऐसी ही एक वनस्पति का नाम है ‘मकोय’। मकोय भारत और श्रीलंका में पाई जाती है। इसकी खेती तो नहीं होती है मगर ये खेलों के आस-पास झाड़ीनुमा पौधों के तौर पर हमें दिख जाती है। मकोय को कामकाची, भटकोंइया, कामकाच और अंग्रेजी में नाईटशेड भी कहते हैं।