शिकाकाई | Shikakai

शिकाकाई का औद्योगिक उत्पादन

भूमि की जांच :

भूमि की जांच :

यह एक उष्णकटिबंधीय जलवायु की फसल है जो, गर्म और शुष्क मैदानों में अच्छी उगती है। शिकाकाई को उगने के लिए भरपूर सूरज की रोशनी की आवश्यक्ता होती है। शिकाकाई के पौधे को मध्यम उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है, साथ ही अम्लीय मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। शिकाकाई के पौधे को पानी की बहुत आवश्यक्ता होती है। यदि बारिश न हो रही है तो नियमित अंतराल से सिंचाई की आवश्यक्ता होती है।

शिकाकाई की रोपाई से पहले खेत में अच्छे से हल चला कर क्यारियाँ बना लेनी चाहिए। खेत की क्यारियों के बीच उचित दूरी होनी चाहिए। ख्याल रहे की शिकाकई के बीजों को बोने से पहले गरम पानी में भिगो लेना चाहिए। इससे बीज नरम हो जाते हैं। रोपण के तुरंत बाद हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए।

सिंचाई – फसल की कटाई :

सिंचाई – फसल की कटाई :

शिकाकाई की फसल को पानी की अधिक जरूरत होती है। यदि बारिश नहीं हो रही हो तो नियमित अंतराल पर सिंचाई करते रहें। रोपण के 15 दिन पूरे होने के बाद सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए। साथ ही साथ नियमित रूप से खरपतवार को फसल बीच से निकालते रहें। नियमित निदाई किसी भी फसल की पैदावार के लिए अच्छी होती है।

फसल के पकने का पता चलता है शिकाकाई की फलियों से। फलियां पकने के बाद सूख कर गहरे भूरे रंग की हो जाती हैं। एक फली में क़रीब 8 से 10 बीज / फल निकलते हैं। इन फलों या बीजों को निकालकर शिकाकाई को सुखाने के लिए भेज दिया जाता है। सूखने के बाद फलियों को पिसने के लिए भेजा जाता है।

पैकेजिंग और वितरण :

पैकेजिंग और वितरण :

शिकाकाई का पाउडर बनाकर उसे एयर टाइट पॉलीथीन या प्लास्टिक में पैक करके बाजार में बिकने के लिए भेज सकते हैं। बाजार में शिकाकाई साबुत और पाउडर दोनों ही प्रकार से मिलती हैं। साबुत शिकाकई से शैंपू और तेल भी बनाया जाता है। शिकाकाई के शैंपू को रीठा और आंवला के साथ पीस कर बनाया जाता है।

वहीं शिकाकाई तेल के लिए बहुत सारे आयर्वेदिक जड़ी-बूटियों को एक साथ मिलाकर, गर्म करके उनका तेल बनाया जाता है। शिकाकाई साबुत या पाउडर के रूप में किसी भी पंसारी की दुकान पर आसानी सेे मिल जाता है। आप चाहें तो ऑनलाइन भी शिकाकाई पाउजर, शेंपू, तेल मंगना सकते हैं।

उपयोग और फायदे :

उपयोग और फायदे :

शिकाकाई तेल में एंटीफंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो बालों की जूं और रूसी को दूर करने में मदद करता है। साथ ही इसे लगाने से स्कैल्प की क्लीनजिंग होने लगती है और आपके बाल नहीं झड़ते और स्वस्थ रहते हैं।

शिकाकाई में काफी मात्रा में एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं जो, डैंड्रफ को दूर करने में मदद करते हैं। ये बालों की जड़ में डेड स्किन जमने और पपड़ी झड़ने जैसी समस्याओं को भी रोकता है। इससे हेयर ग्रोथ को अच्छी रखने में भी मदद मिलती है। ये बालों में रूखेपन और खुजली की समस्या को दूर करता है।

शिकाकाई के नुकसान

ज्यादा इस्तेमाल से अस्थमा और सांस लेने में दिक्कत।
रोजाना इस्तेमाल से स्कैल्प खराब होने का डर।
शिकाकाई की खुशबू का पसंद न आना।
अधिक इस्तेमाल से बाल ड्राई होना।

शिकाकाई के फायदे

हेयर फॉल रोकना।
बालों को कंडीशन कर चमकदार बनाना ।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
विटामिन C,K और E से भरपूर।
हेयर ग्रोथ बढ़ाना।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *