नीलगिरी | EUCALYPTUS

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नीलगिरी के विषय में –

नीलगिरी/ Eucalyptus की प्रजातियाँ –
करीब चार सौ किस्म के युकलिप्टुस के प्रजाति पायीं जाती हैं। एक प्रजाति युकलिप्टुस ग्लोबल्स, जिसे ब्लू गम के नाम से जाना जाता है। विश्व भर में, ‘नीलगिरी/ Eucalyptus’ तेल का मुख स्रोत है। ये तेल पत्तों और तनो से डिस्टिलेशन प्रक्रिया के माध्यम से निकाला जाता है। ये तेल एक रंगहीन, खास खुशबू वाला तरल होता है, जिसमें कुछ खास रसायन होते हैं जैसे उकलीप्टल, फ्लैवोनॉइड और टैनिन। इसका पेड़ काफी लंबा और पतला होता है। इसकी पत्तियां लंबी और नुकीली होती हैं जिनकी सतह पर गांठ होती है और इन्हीं में से तेल का रिसाव होता है।

नीलगिरी/ Eucalyptus के पत्तों का इस्तेमाल-
गले में खराश, साइनसाइटिस और ब्रोंकाइटिस आदि अगर है तो नीलगिरी की पत्तियां राहत दिलाने का काम करती हैं। ये सर्दी की समस्या में यह एक काफी प्रसिद्ध घरेलू उपाय है। अगर काफी वक्त से कफ जमा है तो यह कफ को जड़ से खत्म करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा खांसी के लिए भी ये उपयोगी माना जाता है। ठंड और श्वास संबधी बीमारियों में नीलगिरी/ Eucalyptus के पत्ते बहुत लाभकारी सिद्ध हुए है। इसका इस्तेमाल बाम, और कफ-टेबलेट के रूप में किया जाता है।

नीलगिरी/ Eucalyptus की खेती-
इसकी खेती देश भर में होती है। खास बात है नीलगिरी/ Eucalyptus के पेड़ों में कि एक बार कटाई करने के बाद अगले साल फिर से उसी जड़ से पौधे निकल कर पेड़ बन जाते हैं। ऐसे में एक बार रोपण के बाद कई वर्षों तक आपको लकड़ी मिलती रहती है। नीलगिरी/ Eucalyptus की लकड़ी की बाजार में मांग काफी है। फर्नीचर बनाने में नीलगिरी/ Eucalyptus के पेड़ का खासा इस्तेमाल किया जाता है। पहली फसल लगाने के 3 साल बाद पेड़ पूरा बड़ा हो जाता है, जिसके अगले चार से पांच साल तक लकड़ी मिलती रहती है।

चूँकि नीलगिरी/ Eucalyptus बैक्टीरियल इन्फेक्शन में भी लाभकारी है, इसका प्रयोग दंत रोग में किया जाता है, यहाँ तक कि कई माउथवाश, च्युइंग गम बनाने में भी नीलगिरी/ Eucalyptus का इस्तेमाल होता है। 1948 में संयुक्त राज्य अमरीका नें नीलगिरी/ Eucalyptus के पेड को आधिकारिक तौर पर कीटनाशक के तौर पर रजिस्टर किया था। वहां ये पाया गया था कि कुछ प्रकार के दीमक, कीट को तो ये दूर रखता है। मच्छरों और मक्खियों के विरुद्ध भी काफी प्रभावकारी है। युकलिप्टुस के दर्द निवारण क्षमता पर लगातार शोध हो रहा है। खास कर एथलीट्स के लिए इसका प्रयोग काफी लाभकारी दिख रहे हैं।

बाजारों में हजारों ऐसे ब्रांड्स हैं जो शहद बना रही है और बेच रही है, लेकिन कौन सा शहद कब खाना है, आप जो शहद खा रहे हैं वो असल में शुद्ध शहद है भी या नहीं इसकी जानकारी कम ही लोगों को होती है। शहद भी अलग-अलग प्रकार, फूलों से बनते हैं और अलग-अलग शरीर में तकलीफ होने पर खाए जाने की सलाह दी जाती है।
ऐसे में आपनी इस दुविधा को दूर कर रहा है सामग्रालय। कैसे? शुद्ध शहद बनाने वाले ब्रैंड के बारे में रिव्यू करके जिनका नाम है Shiva Organics. Shiva Organic राजस्थान के जयपुर में स्थित है और शहद बनाने में एक्सपर्ट हैं। अलग-अलग किस्म के फूलों से ये शहद बनाने हैं जो अलग-अलग शरीर की तकलीफों में सेवन किए जाते हैं।

⦿ आकर्षक और साफ-सुथरी पैकेजिंग :
Shiva Organics के प्रोजक्ट अच्छी पैकिंग और सुंदर छोटे-छोटे डिब्बों में आते हैं (अगर आप सैंपल प्रोडक्ट खरीदते हैं तो ) जो बिना किसी लिकेज के अच्छे से पैक किए गए होते हैं। Eucalyptus Honey शरीर के लिए काफी फायदेमंद भी है जो निम्मलिखित हैं:

• Helps in bronchial dilation
• Helps in respiratory illness
• Cough suppressant
• Helps treating ulcers, cuts and burns
• Helps in skin hydration

⦿ कैस बनता है Eucalyptus से शहद:
Shiva Organics का यूकेलिप्टस हनी, भारत में सबसे अच्छे यूकेलिप्टस फूलों से बनाते हैं जब Eucalyptus के पेड़ों पर फूल खिलने का मौसम आता है। फूलों के मौसम में सीधे एकत्र किया जाता है जो इसे शुद्ध और प्राकृतिक बनाता है। Eucalyptus शहद अपने प्राकृतिक मिठास और औषधीय लाभों के कारण बहुत ध्यान आकर्षित करता है।

⦿ Shiva Organics का यूकेलिप्टस हनी, रंग में हल्का दिखने वाला होता है साथ ही अपने स्ट्रॉंग फ्लेवर के लिए खाया जाता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है साथ ही सांस की तकलीफ होने पर गले को आराम भी देता है। Eucalyptus शहद में Anti Bacterial और Anti Fungal तत्व पाए जाते हैं जो बेहद जरूरी है शरीर के लिए।

⦿ Shiva Organics के यूकेलिप्टस हनी में किसी भी प्रकार की बाहरी मिलावट नहीं की गई है (जो डिब्बे पर भी लिखा गया है) साथ ही बाहरी मिठास का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसीलिए Shiva Organics का यूकेलिप्टस हनी शुद्ध और सुरक्षित है खाने के लिए।

नीलगिरी के उपयोग

  • पत्तों से तेल निकाला जाता है

  • फर्नीचर की लकड़ी मिलती है

  • पेड़ की छाल से गोंद मिलता है

  • छाल से कागज बनता है

नीलगिरी के फायदे

  • सर्दी, जुकाम, कफ़ से राहत

  • तेल की मालिश लाभकारी

  • मांसपेशी, जोड़ों के दर्द से आराम

  • एंटी-बैक्टीरियल और संक्रमण रखे दूर

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