लोबान | Loban| Sambrani
लोबान के विषय में –
विज्ञान द्वारा समर्थित प्राचीन प्रथाओं को संरक्षित करने का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता। हानिकारक airborne/ वतानीत रोगाणुओं/ कीटाणुओं से लड़ने के लिए धूप (ट्री गम / रेजिन और जड़ी-बूटियों का उपयोग करने की एक तकनीक) का उपयोग किया जाता है । लोबान अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण धूप के लिए आधार के रूप में उपयोग किए जाने वाले कई स्वादों या रेजिन में से एक है। दुनिया भर में गम बेंजोइन के रूप में जाना जाता है, यह दक्षिण-पूर्व एशिया के अधिकांश हिस्सों में पाया जाता है। इत्र उद्योग में, इसका उपयोग रासायनिक पदार्थ के रूप में होता है, जिसकी मदद से परफ्यूम बेस आयल के ज़रिए वातावरण में सुगंध को फैलाया जाता है।
गुग्गल के पेड़ की राल की तरह, लोबन में भी एक मिट्टी, वेनिला जैसी सुगंध होती है। इसे एक अच्छा insect repellant भी माना जाता है। जबकि लोबान हिंदी/उर्दू नाम है, इसे अंग्रेजी में स्टायरेक्स के नाम से सम्बोधित किया जाता है और, तमिल में यह सांभरनी नाम से प्रचलित है। लोबान के गोंद राल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, वहीं छाल का उपयोग दस्त, बवासीर और त्वचा रोगों के इलाज के लिए भी किया जाता है। लोहबान का वृक्ष (loban tree) जावा, सुमात्रा, थाईलैण्ड, मलक्का, मलेशिया, यूरोप, दक्षिण-पूर्वी एशिया एवं वेस्टइण्डीज में पाया जाता है।
लोबान सुगन्धित धूप के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। पौराणिक सभ्यताओं में लोबान का इस्तेमाल पूजा-अर्चना और त्वचा/ स्किन पर लगाने के लिए किया जाता था। Frankincense काफ़ी पुराना रखा हुआ फ्रेंच नाम है जिसका अर्थ होता है उच्च गुणवत्ता वाली धूप और यह अपनी गुणवत्ता पर बखूबी खरा उतरता है। लोबान को इसके फूल और गोंद के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लोबान का वृक्ष (loban tree) विशाल अथवा मध्यमाकार होता है। इसके फूल सफेद रंग के, रोमयुक्त होते हैं। फूल का रंग हल्का बैंगनी और लाल होता है। इस वृक्ष की छाल में चीरा लगाने से जो दूध प्राप्त होता है। उसे लोबान कहते हैं।
बोसवेलिया वृक्ष परिवार, जो रेसिन का मुख्य स्रोत है, शुष्क और कठोर जलवायु में बढ़ता है। हाल ही में एक रिसर्च ने यह सुझाव दिया है कि यह रेसिन संरचना/ कम्पोजीशन पेट की गड़ -बड़ी, अस्थमा और गठिया के इलाज के लिए सटीक है। लोबान का आवश्यक तेल steam distillation तकनीक से निकाला जाता है। भारत में अधिकांश रेसिन धूप का उत्पादन एक भारतीय तरीके से किया जाता है, जो अफ्रीका और मध्य-पूर्वी देशों में पाए जाने वाले frankincense से थोड़ा अलग है। परफ्यूम और अगरबत्ती की अधिकांश भारतीय मांग गुग्गुल और लोबान resin उत्पादों से पूरी होती है।
लोबान का सेवन
जोड़ों का दर्द दूर करे
एंटी-डिप्रेशन है लोबान
गले की गांठ में आराम दिलाए
लोबान के फायदे
धूप के रूप में जलाए
लोबान तेल की मालिश
अगरबत्ती / इत्र बनाए