गोंधोराज नींबू | Gondhoraj Lemon
गोंधोराज नींबू के विषय में –
दुनिया भर में इस बात पर सदियों तक बहस हो सकती है कि लगड़ा और दशहरी में कौन सा आम बेहतर है, लेकिन नींबू के मामले में एक ही सरताज़ है गोंधोराज। सिर्फ बंगाल और असम के कुछ इलाकों में उगने वाले चमकीले मोटे छिलके वाले गोंधोराज को सिर्फ नींबू कहने से इसके चाहने वाले आहत हो सकते हैं, गोंधोराज की महक ऐसी है कि आप खाने की मेज पर दाल में इसकी एक फांक निचोड़िए तो सिर्फ उश बूंद की खुशबू से घर के सभी सदस्य खिंचे चले आएंगे।
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क्यों पड़ा नाम गोंधोराज :
गोंधोराज कई मायनों में असाधारण है। गोंधोराज नींबू दिखने में जितना बड़ा है उतना रसदार नहीं है। इसका प्रमुख आकर्षण हालांकि सुगंध है जो तुरंत पहचानने योग्य है और इसलिए इसका नाम “गोंधोराज” है जिसका अर्थ है ‘सुगन्धों का राजा’। इसे रंगपुर लाइम/ Rangpur Lime के रूप में भी जाना जाता है। यह मूल रूप से अविभाजित भारत में बांग्लादेश से प्राप्त किया गया था। गोंधोराज नींबू वर्तमान में यह मुख्य रूप से असम और पश्चिम बंगाल में पाया जाता है।
गोंधोराज नींबू का सेवन कैसे करें :
अपने अनूठी सुगंध को देखते हुए गोंधराज ग्रेवी की तैयारी हो या फिर लेना हो चाट का चटखारा, ये कई तरह के व्यंजनों में अपना रास्ता खोजता है, जिनमें से अधिकांश का नाम फलों के नाम पर रखा गया है। प्रसिद्ध पानी-पूरी के पानी में आधा कटा हुआ गोंधराज मिलाना एक आम बात है। यह मसालेदार पानी के स्वाद और सुगंध को बढ़ाता है, जिससे पानी-पूरी और भी स्वादिष्ट बन जाती है। गोंधोराज काफिर लाइम जैसा ही है जी कि थोड़ी अलग किस्म है, लेकिन वह भी अपनी सुगंध के कारण लोकप्रिय है।
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स्वास्थ के लिए फायदेमंद गोंधोराज नींबू :
गर्मी के मौसम में आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। बंगाल में गर्मियों में इसका सेवन बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है और यह पानी की कमी को भी दूर करता है। इसमें पाए जाने वाला नींबू शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है।
गोंधोराज नींबू के व्यंजन
नींबू पानी
शरबत
गोंधोराज लेबू घोल
गोंधोराज नींबू के फायदे
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
डिहाइड्रेशन से होने वाली समस्याओं का बचाव
शरीर को ठंडक