बुरांश | BURANSH
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बुरांश के विषय में –
बुरांश पेड़ हिमालीय जंगलों के छुपे रहस्यों में एक है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ट्रैकिंग करते समय आप बुरांश के पेड़ को उसके लाल फूल के साथ देख सकते हैं। इसका फूल रंग में हिबिसकस जैसा होता है। लेकिन आकार में उससे बड़ा होता है। इसकी पंखुड़ियां सख्त और रसीली होती हैं। इसका फूल असल में अलग अलग फली का एक गुच्छा होता है जो बारीकी से एक दूसरे से जुड़ा होता है।
इसके चिकत्सीय और पोषक गुणों पर गौर करें तो यह ह्रदय और गुर्दे के लिए बहुत फायदेमद है। यही नहीं ये एक्जिमा, मुहांसे और चकत्ते के इलाज के लिए भी काफी कारगर है। बुरांश के पेड़ उत्तराखंड, हिमाचल और नागालैंड के पहाड़ी राज्यों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र हैं। जनवरी से मार्च के बीच इसके फूल खिलते हैं। जिसमें ग्रामीण लोग फूलों को इक्टठा कर स्थानीय लघु उद्योगों को देते हैं। जो इसका इस्तेमाल बुरांश का शरबत बनाने में करते हैं।
बुरांश का शरबत रंग में रूहअफजा के शरबत से थोड़ा गहरा होता है। बुरांश के फूल का स्वाद खट्टा होता है, जिसकी वजह से स्थानीय लोग इसका उपयोग निम्बू , पुदीना , धनिया के साथ चटनी बनाने के लिए करते हैं। बुरांश के फूलों से बना शरबत हृदय रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इन पंखुड़ियों का उपयोग सर्दी, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और बुखार के लिए किया जाता है। बुरांश के पेड़ की लकड़ी का उपयोग ईंधन के रूप में और लकड़ी का कोयला बनाने के लिए किया जाता है।
यह नेपाल और नागालैंड और हिमाचल का राजकीय फूल है तो वहीँ उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष। मार्च -अप्रैल के महीनों में बुरांश के फूलने का समय होता है। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में बुरांश की आर. आर्पोरियम नामक प्रजातिपाई जाती है। यह प्रजाति कुमाऊं और गढ़वाल के हिमालयी क्षेत्र में बहुत आधिक पाई जाती है। बुरांश के पेड़ की लकड़ी का उपयोग टूल-हैंडल्स, बॉक्स, पैक-सैंडल्स, पोस्ट, प्लाईवुड बनाने के लिए किया जाता है।
Samagralay Review : Buraansh Rhododendron Squash
वैसे तो हिमालयी राज्य 12 महीने प्रकृति की अनुपम भेंटों से लबरेज रहते हैं लेकिन मार्च अप्रैल के महीने बला की खूबसूरती लेकर आते हैं। बसंत के बाद इन महीनों में खिलता हैं बुरांश। लाल और नारंगी रंग का ये फूल पहाड़ों में खिला हुआ ऐसा लगता है जैसे पहाड़ों ने कोई श्रृंगार किया हो।
बुरांश का फूल दिखने में सुंदर हैं और सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी है तो ऐसे में इस खूबसूरत और लाभदायक फूल का इस्तेमाल करें बुरांश से बने हुए शरबत से।
1- बढ़िया पैकिंग :
बुरांश का ये शरबत हमें मिला Buraansh नामक ब्रांड से जो हिमाचल प्रदेश से हैं और जिसे चलाते हैं गौतमी और सिद्धार्थ। बात करें पैकिंग की तो इस शर्बत को कांच की बोतल में पैक किया गया है तो दिखने में काफी खूबसूरत है। कांच की बोतल को आप दोबारा इस्तेमाल में भी ला सकते हैं।
2- बुरांश के शरबत के फायदे :
बाज़ारों में गुलाब के शरबत और भी अनेकों ready to mix ड्रिंक मिल जाते हैं लेकिन ज्यादातर में सिर्फ शुगर और आर्टिफिशियल रंग ही होते हैं। बुरांश एक हिमालयन फूल है और एक नेचुरल blood प्यूरिफायर की तरह काम करता है। एन्टी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो आपके शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड भी रखता है। इसीलिए जितना हो सके नेचुरल फूड्स की तरफ लौटे और गर्मियों में बुरांश के शरबत से चिल करें।
3- स्वाद और रेसेपी :
Buraansh का ये Rhododendron Squash काफी स्वादिष्ट है और फ्रेश भी। इसे बनाने के लिए 1 part Squash में 4 part chilled water मिलाएं। एक्स्ट्रा मिठास के लिए कोई शुगर ऊपर से मिलाने की जरूरत नहीं होती। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नींबू और पुदीना भी डाल सकते हैं। गर्मी के लिए बहुत सही ड्रिंक है।
4- लोकल जगहों को प्राथमिकता :
Samagralay का हमेसा प्रयास यही रहता कि जितना हो सके लोकल प्रोडक्ट्स को हम वेबसाइट पर जगह दें। जो सामग्री जहां उगती है वहाँ पर ही उसका प्रोडक्ट तैयार होता है तो ऑथेंटिसिटी और फ्रेशनेस बरकरार रहती हैं और मिलावट होने का चांस भी कम होता है। Buraansh का बुरांश शरबत बनता है हिमाचल प्रदेश में। सीधा पहाड़ों के स्वाद आपके घर तक।
सामग्रालय का अनुभव –
सामग्रालय का रिव्यू हमेशा किसी भी प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के बाद ही लिखा जाता है। इसीलिए अगर आप यहाँ तक पहुंच ही गए है तो एक बार नीचे दिए गए लिंक पर जाकर खुद को सेहतमंद बनाने की तरफ एक क्लिक बढ़ाएं।
बुरांश के उपयोग
- चटनी, जैम
- फूलों का जूस
- लकड़ी का ईंधन में इस्तेमाल
- टूल-हैंडल्स, बॉक्स आदि बनाना
बुरांश के फूलों के फायदे
- एनिमिया से बचाव
- सिरदर्द और बुखार में निजात
- हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद
- सर्दी, मांसपेशियों में दर्द में राहत