ब्याडगी मिर्ची | Byadgi Chilli
ब्याडगी मिर्ची के विषय में-
ब्याडगी मिर्चभारत के कर्नाटक जिले में उगाई जाने वाली मिर्च की एक किस्म है। जिसका नाम कर्नाटक के हावेरी जिले के बयाडगी (Byadgi) शहर के नाम पर रखा गया है। ब्याडगी मिर्च अपने गहरे लाल रंग के और कम तीखेपन के कारण जानी जाती है। साथ ही दक्षिण भारत के विभिन्न खाद्य सामग्रियों में इसका मूल रूप से इस्तेमाल किया जाता है। ब्यादगी मिर्च में कैप्साइसिन की मात्रा नगण्य होती है जो इसे अन्य मिर्च किस्मों की तुलना में कम तीखा बनाती है।
दूसरी खास बात ब्याडगी मिर्च की ये है कि इससे Oleoresin नाम का एक तेल निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल नेलपॉलिश और लिप्सटिक बनाने में किया जाता है। लगभग 1 टन ब्यादगी मिर्च से लगभग 50 लीटर ओलियोरेसिन निकाला जा सकता है। बयादगी में और उसके आसपास कंपनियां स्थापित की गई हैं जो ओलियोरेसिन के निष्कर्षण में शामिल हैं। इसके बाद इस ओलियोरेसिन को केरल भेजा जाता है जहां इसे अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देशों में निर्यात करने से पहले इसे और परिष्कृत किया जाता है।
ब्याडगी जगह और उसके आसपास कंपनियां स्थापित की गई हैं जो ओलियोरेसिन के निष्कर्षण में शामिल हैं। इस ओलियोरेसिन को फिर केरल भेजा जाता है जहां इसे अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देशों में निर्यात करने से पहले इसे और रिफाइन किया जाता है। व्यावसायिक तौर पर बात करें तो ब्याडगी जगह का कारोबार भारत में मिर्च के सभी कारोबार में दूसरे सबसे बड़े कारोबार में गिना जाता है।ब्याडगी जगह में दो तरह की किस्म पाई जाती है जिनका नाम है डब्बी और कड्डी।
ब्याडगी डब्बी मिर्च आकार में छोटी और मोटी होती है जो अपने रंग, फ्लेवर और स्वाद में कम तीखेपन के कारण जानी जाती है। वहीं ब्याडगी कड्डी आकार में लंबी, पतली और कम बीज वाली होती है। साथ ही स्वाद में तीखी होती है। ब्याडगी मिर्च मुख्य रूप से ब्याडगी मिर्च बाजार में बेची जाती है जिसकी सालाना बिक्री करीब रु. 3 बिलियन (75 मिलियन डॉलर) है। यह बाजार पूरे कर्नाटक और पड़ोसी आंध्र प्रदेश के व्यापारियों को आकर्षित करता है क्योंकि यहां व्यापार के लिए अनुकूल परिस्थितियों हैं जैसे उचित मूल्य, तत्काल भुगतान और मिर्च की सटीक माप।
पिछले कुछ वर्षों से Sarpan Agri Horticulture Research Centre (SAHRC) ने हाइब्रिड ब्याडगी मिर्च की किस्म तैयार की है। जिसका फायदा ये है कि हाइब्रिड मिर्च जल्दी समय में और अच्छे रंग के साथ उगती हैं। साथ ही हाइब्रिड मिर्च के खराब होने के चांस भी कम होते और बाजार में कम कीमत पर अधिक तीखी मिर्च का व्यापार किया जा सके। ब्याडगी मिर्च दक्षिण भारत के बीसी बेले स्नान, सांबर, चटनी और अन्य खाद्य पदार्थों जैसे मसालेदार तैयारियों में एक महत्वपूर्ण घटक है और उडुपी व्यंजनों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मांस की तैयारी में भी किया जाता है क्योंकि यह मांस को चमकदार लाल रंग प्रदान करती है। ब्याडगी और उसके आसपास के 25 उद्योग इन मिर्चों को पीसकर पाउडर बनाकर मसाला निर्माताओं को बेचा जाता है।
ब्याडगी मिर्च का प्रयोग
खाने को लाल रंग देना
सांभर, चटनी
मीट को मैरिनेट करें
कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल
ब्याडगी मिर्च के फायदे
तीखापन कम होता है
एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर
मेटाबॉलिज्म भी बढ़ाती है
पोटैशियम की अच्छी मात्रा