काला गाजर | Black Carrot
काला गाजर के विषय में –
गाजर एक ऐसी सब्जी है जो सर्दियों के साथ ही किचन में दस्तक देने लगती है। उत्तर भारत के घरों में सर्दियों के मौमस में एक मीठा पकवान बनता है ‘गाजर का हलवा’ जो बिना गाजर के नहीं बन सकता। ऐसे में तो सर्दी का मजा अधूरा रह जाता है। ये पकवान ज्यादातर बनता है लाल या नारंगी रंग की गाजर से, लेकिन आज आप यहाँ जानेंगें ‘काली गाजर’ के बारे में।
काली या पर्पल गाजर :
गाजर सिर्फ लाल या नारंगी ही नहीं होती बल्कि काली या पर्पल भी होती है। काली गाजर की खट्टी कांजी और काली गाजर का हलवा दोनों ही काफी टेस्टी माना जाता है। काली गाजर को देसी गाजर भी कहा जाता है जो विशेष रूप से लोगों का ध्यान आकर्षित करती है और साथ में स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान कराती है।
काली गाजर के पौष्टिक तत्व :
लाल, नारंगी, काली, बैंगनी सभी प्रकार की गाजर अत्यधिक पौष्टिक होती है लेकिन काली गाजर विशेष रूप से शक्तिशाली एंटी ऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है जो सूजन (इन्फ्लेमेशन) से लड़ने और दूसरी बिमारियों में भी लाभकाारी होती है। गाजर में बीटा कैरोटिन होता है जो हमारी आंखों के लिए वेहद फायदेमंद माना जाता है। काली गाजर में डायट्री फाइबर अधिक होता है. ये पाचन तंत्र में सुधार करता है. ये गैस, सूजन, मतली, कब्ज और दस्त के इलाज में मदद करता है।
कैसे हुआ गाजर का रंग काला :
ऐसा माजा जाता है पहले के समय में गाजर डार्क बैंगनी, गहरे और काले रंग की ही होती थी। बाद में म्यूटेशन के कारण इसका पिग्मेंट लॉस हुआ और यह नारंगी रंग के गाजर में विकसित हो गयी जिसे आज दुनियाभर में स्थानीय रूप में देखा जा सकता है। इस गाजर का काला या बैंगनी रंग, एंथोसाइनिन अर्क पाए जाने के कारण आता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और यह एंटीऑक्सिटेंड ब्लूबेरीज. ब्लैकबेरीज औक काले अंगूर में भी पाया जाता है।
काली गाजर के व्यंजन
जूस
सब्जी
कांजी
हलवा
केक
काली गाजर के फायदे
आंखों के लिए फायदेमंद
पाचन में सुधार करना
कैंसर को रोकने में मदद
सूजन से लड़ने में मदद
अल्जाइमर के खतरे का कम करना