हिमाचली चुल्ली तेल | एप्रीकोट | Himachali Apricot Oil
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हिमाचली चुल्ली तेल के विषय में –
हिमाचल प्रदेश सदा से ही औषधियों और अन्य उपयोगी पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों व फलों का प्रदेश रहा है। यहाँ का ठंडा मौसम अनेक पहाड़ी और हिमालयी पेड़-पौधों साथ ही अनेक खाद्य उत्पादों के लिए उत्तम रहता है जो कई तरह की बिमारियों और रोगों के उपचार के लिए लाभदायक माने जाते हैं। ऐसे ही औषधिय पौधों गुणों से परिपूर्ण है हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र में पाए जाने वाले चुल्ली के पेड़।
चुल्ली को आम भाषा में जंगली खुबानी भी कहते हैं। खुबानी अपने आप में एक अनोखा फल है जो खाने में, पशुओं के चारे में, लकड़ी और आग जलाने के काम में इस्तेमाल होती हैं। लेकिन सबसे अधिक चुल्ली का इस्तेमाल होता है तेल बनाने में। इस तेल को हिमाचली चुल्ली तेल कहा जाता है जिसके कई लाभकारी गुण होते हैं।
शिमला, कुल्लु में चुल्ली की पैदावार –
चूँकि हिमाचल एक ठंड़ा प्रदेश है तो और चुल्ली भी ठंडे प्रदेशों में उगता है। हालांकि चुल्ली की खेती नहीं होती क्योंकि इसके पेड़ को सिंचाई या किसी खास देखभाल की जरूरत नहीं होती। इसे आसामी से घरों में या बागों में लगा सकते है। ये खुद से बढ़ले, फूलने वाला पेड़ होता है। चुल्ली के पेड़ के फलों को सुखाकर इनकी गुठली निकाली जाती है। इसके बाद गुठलियों से इसके बीज निकाले जाते हैं। आखिर में बीजों को पीसकर तेल बनाया जाता है। चुल्ली को वाइल्ड एप्रिकोट की कहा जाता है।
किन्नौर के अलावा ये पेड़ शिमला, कुल्लु, सिरमोर, लाहोल-स्पिति और चंबा जिलों में भी पाए जाते हैं। साथ ही कश्मीर और उत्तराखंड और लेह लद्दाख के इलाकों में चुल्ली के पेड़ जंगलों में पाए जाते हैं। इसके तेल की गुणवत्ता और लाभों को देखते हुए इसे सरकार की तरफ से जीआई टैग भी प्राप्त हुआ।
Samagralay Review : Gauraaj Pahadi Fasal Apricot Oil Review
Gauraaj ब्रांड की सबसे खास बात ये है कि इनके प्रोजक्ट्स Organic होने के साथ-साथ Healthy भी होते हैं। Gauraaj हिमालयी राज्य देहरादून में स्थित है तो जाहिर सी बात है पहाड़ों में उगाए जाने वाले प्रोडक्ट वहां की मिट्टी, मौसम, साफ नदियों का पानी और वातावरण के कारण क्वालिटी में बेहतर होते हैं। वैसे भी लोकल इलाकों में उगने वाले प्रोजक्ट टेस्ट औक क्वालिटी दोनों में अच्छे होते हैं।
● पैकेजिंग :
पैकेजिंग की बात करें तो Gauraaj के Apricot oil को कांच की बोतल में पैक किया गया है जो साफ-सुथरी भी है और easy to carry and easy to use भी है।
● क्यों लाभकारी है Apricot Oil ?
खुबानी तेल में कई पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। इस तेल में विटामिन-ई, विटामिन-के, स्टीयरिक एसिड, एराचिडिक एसिड, पामिटिक एसिड, लिनोलेनिक एसिड, ओलिक एसिड, सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं। Apricot Oil में विटामिन-सी भी भरपूर मात्रा होती है। त्वचा को विटामिन-सी की कमी की पूर्ति के लिए कई तरह के प्रोजक्ट्स और सप्लीमेंट्स लेने पड़ते हैं, इससे बेहतर है नेचुरल तरीके से बनने वाले खुबानी के तेल का इस्तेमाल किया जाए।
● Gauraaj Pahadi Fasal Apricot Oil खास क्यों ?
सबसे खास बात Gauraaj Valley Apricot Oil की ये है कि ये ऑरगैनिक है और बिना किसी color, preservatives के बनाया गया है। इस तेल की खास बात ये है कि इसे इस्तेमाल करने में अधिक चिपचिपाहट नहीं होती और ना ही इसकी महक तेज है। इसे लगाते समय हल्की-हल्की खुशबू आपको पसंद भी आती है और त्वचा पर लगाने में भारी भी नहीं लगता। इसे कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं –
Skin care
Body and hair massage
Effective for joint pains
● सामग्रालय का अनुभव :
हमारे देश को विरासत में मिलने वाले प्राकृतिक भोजन की कई किस्में अब हमारे खान-पान से दूर हो चकुी हैं, लेकिन Gauraaj Valley जसै ब्रांड्स के प्रयास से पौष्टिक, स्वादिष्ट और शुद्ध पारंपरिक तेल आपके घर तक पहुंच रहे हैं जो काबिल-ए-तारीफ़ तारीफ है। सामग्रालय का अनुभव काफी अच्छा रहा। अब समय है आपके अपने अनुभव में Gauraaj Pahadi Fasal Apricot Oil को जोड़ने का। नीचे दी गई वैबसाइट के लिंक पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हिमाचली चुल्ली के उपयोग
- तेल बनाने में
- जैम बनाने में
- चटनी बनाने में
- मकरंद व पापड़
हिमाचली चुल्ली के फायदे
- विटामिन -ई से भरपूर
- एंटिऑक्सीडेंट्स से भरपूर
- इम्यूनिटी बढ़ाए
- ओमेगा 9,6, 3 से भरपूर