देवनहल्ली पोमेलो | Devanahalli Pomelo
पोमेलो के विषय में –
पोमेलो, एक निम्बू-वंश का फल है, जो उस वंश की सबसे बड़ी जातियों में से एक है। हालांकि कई नींबू वंश के फल हाईब्रिड होते है लेकिन देवनहल्ली पोमेलो एक शुद्ध प्राकृतिक जाति है। इसके कच्चे फल का रंग हरा होता है और पक जाने पर ये फल बाहर से हल्का हरा या पीला रंग ले लेता है। हालांकि अंदर से ये गुलाबी रंग को होता है। स्वाद में ये फल खट्टा होने के साथ-साथ हल्का मीठापन भी लिए रहता है।
पोमेलो को चकोतरा भी कहा जाता है जो देवनहल्ली में सबसे अधिक उगाया जाता है। इस फल की खेती के लिए उपोष्ण कटिबंधीय अर्धशुष्क जलवायु अत्यंत उपयुक्त होती है। इसके लिए अधिक ठंडे मौसम की जरूरत नहीं होती। देवनहल्ली पोमेलो को पकने के समय शुष्क जलवायु और कम तापमान होने पर फलों की अच्छी मिठास विकसित होती है। देवनहल्ली पोमेलो के लिए देवनहल्ली इलाके में पायी जाने वाली बलुई दोमट वाली मिट्टी उपयुक्त होती है।
इसकी खेती के लिए अच्छे जलनिकास वाली लाल लैटराइट मिट्टी भी उपयुक्त होती है। दूसरी जगहों पर इस फल को उगाने पर इसके स्वाद में बदलाव होता है इसलिए देवनहल्ली और बंगलोर ग्रामीण के आस-पास ही इसकी खेती होती है। देश के बाकि हिस्सों में भी चकोतरे की खेती होती है मगर उन फलों के स्वाद में देवनहल्ली के फलों में अंतर पाया जाता है। इसी खासियत के लिए भारत सरकार की तरफ से 1999 में जीआई टैग भी दिया गया ताकि इस फल के स्वाद को बरकरार रखा जाए।
देवनहल्ली पोमेलो को मिला ‘जीआई टैग’ –
• साल 1999 में ग्रमीण बंगलोर के देवनहल्ली पोमेलो को भौगोलिक संकेत (GI TAG) का दर्जा प्राप्त हुआ।
• अन्य नींबू वंश के फलों की तुलना में ये अकेला प्राकृतिक फल है जो हाइब्रिड नही है।
• पपोमेलो के फल गुलाबी या लाल रंग के तथा रसीले होते हैं।
• देवनहल्ली में उगने वाले पोमेलो फल मार्किट में मिलने वाले बाकि पोमेलो फलों से बेहतर होते हैं।
• प्रत्येक वृक्ष प्रतिवर्ष औसतन 300 से 400 फल देता है।
पोमेलो के व्यंजन
पोमेलो ब्रूशेटा
पोमेलो जूस
पोमेलो जैम
फ्रूट सलाद
थाई पोमेलो सलाद
पोमेलो के फायदे
विटामिन सी से भरपूर
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे
पाचन समस्या दूर करे
संक्रमण से लड़ने में मदद करे
फाइबर और पोटेशियम से भरपूर