कुट्टू | बकव्हीट |Kuttu ka Aatta| Buckhwheat
कुट्टू या बकव्हीट के विषय में –
कुट्टू या कहें बकव्हीट, अनाज नहीं बल्कि एक फल का पौधा होता है। इस पौधे से निकलने वाले छोटे-छोटे फल तिकोने आकार के होते हैं। इन फलों की पीसकर बनाए जाने वाले आटे को ‘कुट्टू का आटा’ कहते हैं। इस बकव्हीट का लैटिन नाम फैगोपाइरम एस्कलूलेंट है, यह पोलीगोनेसिएइ परिवार का पौधा है। हालांकि ये एक फल होता है जो उपवास के दौरान खाया जाता सकता है। भारत में ज्यादातर कुट्टू के आटे का उपयोग नवरात्र के उपवास में किया जाता है।
पोषण से भरपूर कुट्टू का आटा :
कुट्टू के आटे में मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, फोलेट, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीज, कॉपर और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। इस आटे में फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के साथ ही ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करता है। कुट्टू में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स भी भरपूर होता है, ऐसे में ये लिवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
कुट्टू का आटा नियमित खाने से बालों को मजबूती मिलती है, साथ ही साथ बाल झड़ना भी कम हो सकता है। कुट्टू में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मिलते हैं, ऐसे में इसे नियमित खाने से स्ट्रेस कम होता है। कुट्टू को दही के साथ खाया जाए तो इसका पोषण और बढ़ जाता है। इससे इनकी वॉर्म पोटेंसी बढ़ जाती है। सर्दियों में इनका सेवन बेहद लाभकारी है.
कहां उगता है बकव्हीट का पौधा :
बकव्हीट का पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होता है. इसमें गुच्छों में फल और फूल आते हैं। यह देश के बहुत कम हिस्से में उगाया जाता है। हिमालय के पर्वतीय हिस्सों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, दक्षिण के नीलगिरी में और नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स में उगाया जाता है। भारत के अलावा कज़ाकिस्तान, यूक्रेन, चीन, रूस, अमेरिका, जापान और यरोप के कई देशों में बकव्हीट का उत्पादन किया जाता है।
कुट्टू या बकव्हीट के व्यंजन
इडली, पकौड़े, हलवा
परांठे, पूरी, रोटी
बिस्किट, दलिया
केक, नूडल्स
कुट्टू या बकव्हीट के फायदे
शारीरिक कमजोरी दूर करना
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे
लिवर को ठीक रखे
कोलेस्ट्रॉल सुधार