गोल्डन बेरी | रसभरी | Golden Berry
गोल्डन बेरी के विषय में –
गोल्डन बेरी को रसभरी के नाम से जाना जाता है, एक छोटा नारंगी बेरी फल है। इसके कई नाम हैं जैसे गोल्डन बेरी, इंका बेरी और ग्राउंड बेरी। कहीं-कहीं इसे ‘मकोय‘ भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे ‘चिरपोटी’ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटपोटनी भी कहते हैं। राजस्थान मे इसे सिरपोटी करते है। इसके फलों को खाया जाता है। रसभरी औषधीय गुणो से परिपूर्ण है।
यह एक बेरी प्रजाति का फल है। रसभरी को केप गूजबेरी भी कहते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए रसभरी (Rasbhari Benefits) बेहद कारगर फल होता है। फल के साथ-साथ रसभरी की पत्तियां भी कई रोगों से बचाती हैं। इसकी पत्तियों से तैयार काढ़ा पीने से शरीर में होने वाले सूजन दूर होता है। बवासीर की समस्या समाप्त होती है। रसभरी की पत्तियों में फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन ए, सी, कैल्शियम आदि मौजूद होते हैं।
इस फल से तैयार चूर्ण के फायदे (Rasbhari ke fayde in hindi) भी कई हैं। इससे खांसी, सांस संबंधित समस्या आदि दूर होती है। रसभरी (Golden Berries) में कैलोरी काफी कम होता है। एंटीऑक्सीडेंट्स, पॉलीफेनॉएल, कैरोटीनॉएड्स, विटामिन सी आदि पाए जाते हैं। रसभरी इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है।
वैसे तो रसभरी (Golden Berries) एक खरपतवार किस्म का पौधा है, सामान्य फसल के बीच इसका उगना किसानों के लिए सिरदर्द बनकर मुश्किलें पैदा करता है। लेकिन यदि रसभरी की बाक़ायदा खेती की जाए तो ये बाज़ार में अन्य फलों की तुलना में अच्छा भाव पाते हैं। भारत में रसभरी की देसी किस्मों में गर्मियों में थोड़े दिनों के लिए ही फसल आती है, लेकिन इसकी सदाबहार किस्म में सर्दियों में ज़्यादा फल आते हैं। इस किस्म में काँटे नहीं होते, इसलिए इन्हें तोड़ना आसान होता है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे ड्राई और फ़्रोजन फ़्रूट्स तथा सॉस, प्यूरी, जेम, जूस, हर्बल चाय बनाने वालों के बीच रसभरी की माँग हमेशा रहती है। इसीलिए रसभरी का दाम भी अच्छा मिलता है। रसभरी से छोटे स्तर पर भी जैम और सॉस बनाकर अच्छी कमाई हो सकती है।
रसभरी (Golden Berries) कैसे खाएं
ड्राई और फ़्रोजन फ़्रूट्स
सॉस, प्यूरी, जेम
जूस, हर्बल चाय
रसभरी (Golden Berries) के फायदे
आंखों के लिए हेल्दी है रसभरी
रसभरी हाई ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल
हड्डियों को मजबूती देना
डायबिटीज रोगियों के लिए बेस्ट फल रसभरी