नंजनगुड केला | Nanjangud Banana
नंजनगुड केला के विषय में –
मैसूर का नंजनगुड केला
केला हमारे जीवन में बेहद ही आम भी है और खास भी। लेकिन हमारे देश में केलों की भी विभिन्न किस्में पाई जाती है जिसकी जानकारी दूर दराज के इलाकों में रहने वालों को नहीं होती। सामग्रालय यहीं पर आपकी मदद करता है विभिन्न प्रकार की किसमों की जानकारी यहाँ दी जाती है। आज बात कर्नाटक के ही एक केले की किस्म की जो अपने इलाके नंजनगुड (मैसूर) में उगने के लिए काफी प्रसिद्ध है।
यहाँ की खेती की बात करें तो शहर नंजनागुडु, रसाबले और चामाराजानगर क्षेत्र में उगाए जाने वाले केलों की एक खास किस्म के लिए खासा जाना जाता है। इन केलों की किस्म को ‘नंजनगुड केला’ भी कहा जाता है जो आकार में थोड़ा मोटा और लंबाई में सामान्य किस्मों से छोटा होता है, लेकिन अपने स्वाद और सुगंध के लिए पूरी दुनिया भर में जाना जाता है।
नंजनगुड केला को मिला ‘जीआई टैग’ –
साल 2005 में मैसूर के नंजनगुड केला को जीआई टैग की सूची में शामिल किया गया। नंजनगुड और चामाराजानगर क्षेत्र मैसूर में केले के उत्पादन के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र रहे हैं। यहाँ पाई जाने वाली काली और जलोढ़ मिट्टी के कारण ही स्वादिष्ट और सुगंधित बनता है।
दिलचस्प बात ये है कि नंजनगुड केला को किसी अन्य स्थान पर उगाने से उसमें गांठे पड़ने लगती हैं। इसीलिए नंजनगुड की शुष्क और नमी वाली जलवायु ही नंजनगुड केले के लिए मान्य है। यहाँ की काली मिट्टी ने नंजनगुड केले के स्वाद और सुगंध दोनों को बढ़ाया है जो केले की किसी अन्य किस्म में इस तरह का स्वाद और सुगंध नहीं मिलती।
नंजनगुड केला की विशेषता –
• मिठास, नंजनगुड केला की खासियत है।
• अपने स्वाद और खास खुशबू के करण प्रसिद्ध।
• दिखने में हल्का लाल रंग का होता है।
• पकने के 15 दिन तक खराब नहीं होता।
• फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर।
नंजनगुड केला के व्यंजन
स्मदी, जूस
मिठाई
सलाद
फ्राइड चिप्स
नंजनगुड केला के फायदे
वजन घटाने में मददगार
धूम्रपान छोड़ने में सहायक
किडनी को स्वस्थ रखे
बालों के लिए फायदेमंद