Bhalia Wheat | भलिया गेहूं
भलिया गेहूं के विषय में –
साल 2011 में भलिया गेहूं को GI Tag मिल चुका है जो इस गेहूं की गुणवत्ता के कारण मिला जिसमें हाई-प्रोटीन और गेहूं में मिठास शामिल है। भालिया गेहूं ड्यूरम (durum) गेहूं की एक किस्म है जो अपनी कठोर बनावट और उच्च प्रोटीन सामग्री के लिए जानी जाती है। यह पास्ता/ Pasta, कूसकूस (couscous/कुस्कस ड्यूरम गेहूं से बने सूजी के दानों का एक रूप है। यह भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले रवा (सूजी) से थोड़ा बड़ा होता है) और सूजी/ semolina का आटा बनाने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। दाने एम्बर रंग के होते हैं और आम गेहूं की तुलना में बड़े होते हैं।
गर्म प्रदेशों में उगने वाली गेहूं की किस्म
भलिया गेहूं में सूखा सहन करने की क्षमता अच्छी होती अर्थात सूखे इलाकों में भी गेंहू की ये किस्म आसानी से उग सकती है साथ ही यह शुष्क भूमि की कृषि स्थितियों के अनुकूल भी होता है। अगर सिंचाई के लिए पानी की कमी भी हो तो बिना सिंचाई के भी ये गेहूं आसानी से उग जाता है।
कहां उगाया जाता है भलिया गेहूं
जैसा कि उपर बताया की यह शुष्क और गर्म जलवायु वाला गेहूं है तो ये ज्यादातर भारत के राजस्थान (जो कि एक गर्म प्रदेश है) और गुजरात के भल क्षेत्र (Bhal region of Gujarat) में मुख्य रूप से उगाया जाता है। गुजरात के भल क्षेत्र में जिले आते हैं जहां ये गेहूं की किस्म उगाई जाती है जैसे – अहमदाबाद, खेड़ा, भावनगर, सुरेंद्रनगर और भरूच जिले।
भलिया गेहूं सेहत के लिए भी फायदेमंद
भलिया गेहूं प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन और आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर। ऊर्जा पैदा करने में सहायता करता है साथ ही पाचन में भी सहायता करता है, और हड्डी और हृदय के स्वास्थ्य सुधार के लिए भी इस गेहूं के सेवन का अच्छा माना गया है।
भलिया गेहूं का सेवन
गेंहू साबुत के रूप में
आटे से रोटी, पूरी बनाएं
दरदरा पीस कर दलिया बनाएं
ब्रेड, पास्ता, सूजी का आटा बनाएं
भलिया गेहूं के फायदे
हाई-प्रोटीन की मात्रा
विटामिन, आयरन से फाइबर से भरपूर
हड्डी और दिल के स्वास्थ्य के लिए जरूरी