रधुनी पगोल चावल | Radhuni Pagol Rice
रधुनी पगोल चावल के विषय में –
भारत में चावलों की सैकड़ों किस्में हैं। सभी किस्म के चावलों में अपनी कुछ खास सुगंध और स्वाद होता है। इस आर्टिकल में बात होती पश्चिमी बंगाल के चावल रधुनी पगोल (Radhuni Pagol Rice) की। रधुनी पगोल चावल का नाम रधुनी मसाले के नाम पर पड़ा अगर आप रधुनी के बारे में नहीं जानते हैं तो यहां रधुनी से मुलाकात कर सकते हैं।
यहां पढ़ें – (Radhuni)
रधुनी पगोल चावल की खासियत
यह चावल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है और साथ में डिटॉक्सिफायर का भी काम करता है। रधुनी पगोल चावल फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। रधुनी पगोल चावल डाइबिटीज होने के खतरे को कम करता है और मोटापे का बढ़नने से भी रोकता है। फाइबर की मात्रा आधिक होने के कारण मोटापा नहीं बढ़ने देता।
रधुनी पगोल बंगाल के पश्चिम इलाकों में उगाया जाता है। रधुनी पगोल की खासियत है इसकी खुशबू। यह चावल पश्चिम बंगाल के जिले बीरभूम, पुर्बा बर्धमान, पश्चिम बर्धमान, बंकुड़ा और हुगली में सर्वाधिक उगाया जाता है। यह एक सुगंधित चावल जिसका नाम का शाब्दिक रूप से अर्थ ‘making the cook go mad‘ होता है ऐसा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि या चावल अपनी खुशबू से चावल बनाने वाले कुक को ही मदहोश, पागल बना सकता है।
रधुनी पगोल पश्चिम बंगाल में एक पाक पसंदीदा चावल है, लेकिन राज्य के बाहर बहुत कम जाना जाता है। पेट पर हल्का, यह चावल चिंगरी मलाई करी और कोशा मैंशो जैसी ग्रेवी वाले भोजन के लिए एकदम सही साथी है। दिलचस्प बात यह है कि रधुनी, जंगली अजवाइन का बंगाली नाम भी है, जो राज्य के विशिष्ट व्यंजनों के लिए एक अनूठा मसाला है। यह चावल बासमती चावल का अच्छा विकल्प है जो सेहत के लिहाज से भी लाभदायक है।
यहां पढ़े – (Gobindobhog Rice)
रधुनी पगोल के व्यंजन
चिंगरी मलाई करी के साथ
रधुनी पगोल पुलाव
रधुनी पगोल खीर
मैंशो ग्रेवी के साथ
रधुनी पगोल के फायदे
डाइबिटीज होने का खतरा कम
पेट और पाचन के लिए हल्का
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
अब कहाँ मिल पाता है ये सब चावल?