काला नमक चावल | KALA NAMAK RICE
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काला नमक चावल के विषय में –
हाल के वर्षों में ‘काला नमक चावल’ kala namak chaawal की विदेशों में भी मांग बहुत बढ़ गई है। इसकी खासियत यह है कि इसे बनाया तो घर में जाता है, लेकिन खुशबू पूरे मोहल्ले में महसूस होती है। लेकिन, यह जितना ही सुगंधित चावल है, इसमें उतने ही औषधीय गुण भी हैं। इतने फायदेमंद होने के बावजूद यह किसानों के लिए भी काफी लाभकारी है और इसकी पैदावार भी भरपूरी होती है। ऐतिहासिक कहानियों के मुताबिक इस चावल को खुद भगवान महात्मा बुद्ध का आशीर्वाद प्राप्त है।
काला नमक चावल’ का इतिहास
इस चावल का इतिहास कम से कम 600 ईसा पूर्व या बुद्ध काल से है। प्राचीन काल में यह चावल मूल रूप से उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में उगाया जाता था। भगवान बुद्ध ने गांव वालों को ‘काला नामक’ के अनाज को आशीर्वाद के रूप में दिया और दलदली जगह में बोने के लिए कहा। इसके साथ ही गौतम बुद्ध ने कहा, ‘चावल में विशिष्ट सुगंध होगी, जो हमेशा लोगों को मेरी याद दिलाएगी।’ कहते हैं कि यही वजह है कि यह धान कहीं और लगाया जाता है तो अपनी गुणवत्ता और सुगंध खो देता है।
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कहां-कहां उगता है ‘काला नमक चावल’
उत्तर-प्रदेश के सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर और कुशीनगर जिले इसमें शामिल हैं। वैसे भारत में उगाए जाने वाले सुगंधित चावलों की एक से बढ़कर एक किस्में हैं, लेकिन ‘काला नमक’ चावल की विशेषता उन सबसे हटकर है। काला नमक’ चावल बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाला चावल का किस्म है। काले रंग की भूसी के चलते इसका नाम ‘काला नमक’ चावल पड़ गया। ‘काला नमक’ चावल की विशेषता ये है कि यह सामान्यतौर पर जैविक खेती के जरिए ही उगाया जाता है।
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‘काला नमक चावल’ के हेल्थ बैनेफिट्स
इस चावल में एंथोसायनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो हृदय रोग की रोकथाम में सहायक होते हैं। यही नहीं इससे त्वचा के स्वास्थ्य की भी अच्छी देखभाल होती है। यह चावल आयरन और जिंक से भरपूर होता है और विटामिन की भी कमी नहीं होने देता है। इसे ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और खून से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में मददगार पाया गया है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन भी पाई जाती है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के चलते विदेशों में इसकी मांग बढ़ गई है।
Samagralay Review : BUDDHA RATANA ब्रांड का Kala Namak Rice.
⦿ आकर्षक और साफ-सुथरी पैकेजिंग :
किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले नज़र जाती है उसकी पैकेजिंग पर. ठीक उसी तरह से IITF के मेले में हमारी नज़र अटकी ‘Buddha Ratana’ ब्रांड के Kala Namak Rice के डिब्बे पर, जो दिखने में बेहद ही खूबसूरत है. काले रंग के डिब्बे में सजा हुआ ‘Buddha Ratana Rice’ दिखने में काफ़ी अट्रैक्टिव लगता है. दिसंबर 2022 में उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में भारत सरकार के Department for Promotion of Industry and Internal Trade की तरफ से आयोजित महोत्सव में Buddha Ratana ब्रांड के Kala Namak Rice को बेस्ट पैकेजिंग का अवार्ड भी मिल चुका है.
⦿ स्वाद और सुगंध :
हमें ये चावल खाने में मक्खन जैसा सोफ्ट और खुशबूदार लगा, जो कि इस चावल की पहचान है. इसके अलावा काला नमक चावल काफ़ी हल्का, स्वादिष्ट और सुपाच्य है. इस चावल की तासीर भारत में पाई जाने वाली दूसरी सुगंधित चावल की किस्मों से मिलती जुलती है जो स्टिकी चावलों में आते हैं और पकने के बाद फूलते हैं और गाढ़े हो जाते हैं. Kala Namak Rice से हमने पुलाव और खीर बनाकर टेस्ट किया, जो सुगंधित और स्वादिष्ट दोनों ही तरीके मानकों में बेहतर है. ध्यान दें कि पकाते समय इस चावल की खुशबू दूर तक फैलती है साथ ही पकने में भी ये चावल अधिक समय नहीं लेता.
⦿ कैसे पकाएं :
आप इसे खुले बर्तन में 1 कप चावल में 2 कप पानी के माप के अनुसार पकाएं. खीर बनाने के लिए भी ये चावल काफी अच्छा है. माना जाता है कि अगर किसी खाने में खुशबू न हो तो उसका स्वाद भी फीका पड़ जाता है लेकिन खुशबू और स्वाद दोनों में ही ये चावल कारगर साबित हुआ.
⦿ हेल्दी चावल है Buddha Ratana Rice :
Buddha Ratana ब्रांड का Kala Namak Rice स्वादिष्ट और सुपाच्य होने के साथ सेहत के लिए भी अच्छा है क्योंकि इसे उगाते समय किसी खाद, रसायन या किसी भी किस्म के फर्टीलाइजर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. Buddha Ratana ब्रांड के मालिक बिजय मिश्रा (जो खुद एक किसान हैं और काला नमक चावल की खेती भी करते हैं) के अनुसार किसी भी प्रकार की मिलावट, सुगंध या फर्टीलाइजर का इस्तेमाल इसकी खेती में नहीं होता है.
⦿ प्राकृतिक खेती है Buddha Ratana Rice की जान :
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले में उगाए जाने वाले Kala Namak Rice को पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से ही उगाया जाता है जैसे सिद्धार्थ नगर में मिलने वाली प्राकृतिक मिट्टी, ग्लेशियर से आने वाले नदी के पानी और धूप में उगाया जाता है. इसीलिए प्राकृतिक तरीके से उगायी जाने वाली फसलें आज के समय में सेहत के लिए वरदान है. साथ ही यह कच्चा चावल है इसीलिए बाक़ी बासमति चावल की तुलना में काला नमक चावल में खुशबू ज्यादा होती है. माना जाता है कि चावल जितना कच्चा और पुराना होगा वो उतना ही हेल्दी होगा.
⦿ दिलचस्प जानकारी Buddha Ratana Rice के बारे में :
ऐतिहासिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने इस चावल को आशीर्वाद के रूप में गांव वालों को बोने के लिए दिया था. तभी से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर क्षेत्र में इस चावल के बीजों की खेती की जा रही है. खास बात ये भी कि Buddha Ratana Rice के काला नमक चावल को भारत का सबसे सर्वोत्तम चावल होने का अवार्ड भी मिल चुका है.
➼ सामग्रालय का अनुभव :
हमारे देश को विरासत में मिलने वाले चावलों की कई किस्में हमारे खान पान से दूर हो चुकीं हैं. Buddha Ratana जैसे ब्रांड के प्रयास से काला नमक चावल की इस किस्म को ना सिर्फ बचाया गया है बल्कि हमारे और आप सब के लिए पौष्टिक, स्वादिष्ट और विरासती किस्म के चावल को उगाया जा रहा है और सब के घरों तक पहुंचाया भी जा रहा है.
नीचे दी गई Website 👇🏽के लिंक पर जाकर आप Kala Namak Rice के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं.
काला नमक चावल के व्यंजन
- खीर
- पुलाव
- बिरयानी
- करी चावल
- मीठे चावल
काला नमक चावल के उपयोग
- थोसायनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट मिलते हैं
- जैविक खेती से उगाया जाता है
- आयरन और जिंक से भरपूर ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है
- पोषक तत्वों से भरपूर