ब्राउनटॉप मिलेट | Browntop Millet
ब्राउनटॉप मिलेट के विषय में –
अनाजों के बारे में लगभग सभी लोग जानके हैं और खाते हैं लेकिन अनाजों की भी विभिन्न किस्में होती है जिनके बारे में आजकल लोग भूल चुके हैं। अनाजों की ही एक किस्म है ‘ब्राउनटॉप मिलेट’ जिसे एक पॉजिटीव अनाज भी माना जाता है। बाजरे की तरह ही दिखने वाला ये अनाज उपरी भाग में भूरे रंग का होता है इसलिए ‘ब्राउनटॉप मिलेट’ कहा जाता है। हिंदी में इसे छोटी कांगरी और हरी कंगनी के नाम से जानते हैं।
ब्राउनटॉप मिलेट की खेती
• ब्राउनटॉप मिलेट का ओरिजिन अमेरिका की मानी जाती है। लेकिन इसकी खेती अब भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, साउथ अफ्रीका, यमन, जिम्बाब्वे, चीन और ऑस्ट्रेलिया में की जाती है। इसकी खेती के लिए ना ज्यादा गर्म और ना ही ज्यादा ठंडा मौसम अच्छा माना जाता है। इसे सूखे क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है। इसे दूसरे पेड़ो की छांव में भी उगा सकते हैं।
• इसे उगाने के लिए कम पानी की आवशक्ता होती है। कर्नाटक के कई क्षेत्रों में पानी के अभाव में किसानों ने प्रयोग के तौड़ पर ब्रॉउनटॉप मिलेट लगाया था। उन्हें इसमें बहुत बढ़िया परिणाम मिला। भारत में इसकी खेती दक्षिण भारत के अलावा उत्तर-प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में की जाती है।
• मिलेट वाली फसलों कीटों को अपनी और आकर्षित नहीं करती। इसलिए कीटनाशकों यानी पेस्टिसाइड छिड़काव की भी जरूरत नहीं होती। मिलेट्स की फसलों में जलवायु अनुकूलन यानी क्लाइमेट एडेप्टेशन की अद्भुत क्षमता होती है इसलिए फसलें और जलवायु में सरलता से पनपती हैं।
ब्राउनटॉप मिलेट के फायदे
• ब्राउनटॉप मिलेट में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं। इसके सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, आंत का कैंसर, ब्लड कैंसर, पेट का कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
• ब्राउनटॉप मिलेट में फाइबर की मात्रा में सभी अनाजों से ज्यादा होती है। फाइबर घुलनशील होते हैं तो जाहिर सी बात ये फाइबर रक्त में घुलकर पूरी बॉडी और आंतों को साफ़ करते हैं।
• ब्राउनटॉप मिलेट में प्रोटीन रहता है इसलिए इसे 6 से 8 घंटे भिलोकर रखने के बाद खाया जाए जो आसानी से पच जाता है। यह अनाज बच्चों के लिए सुपाच्य है।
• इसमें मौजूद प्रोटीन और एमिनो एसिड शरीर के द्वारा पूरी तरह अवशोषित कर लिया जाता है जो हड्डियों को मजबूती देने और शरीर के विकास में ब्राउनटॉप मिलेट मदद करता है।
• जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी अर्थात ग्लूटेन एलर्जी है या सेलियक डिजीज है उन्हें ब्रॉउनटॉप अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ब्रॉउनटॉप ग्लूटेन मुक्त अनाज है और पोषक तत्वों से भरपूर है।
____________________________________________________________
अनाजों के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं और खाते हैं लेकिन अनाजों की भी विभिन्न किस्में होती हैं जिनके बारे में आजकल लोग भूल चुके हैं। अनाजों की ही एक किस्म है ‘ब्राउनटॉप मिलेट / Browntop Millet’ जिसे एक पॉजिटीव अनाज भी माना जाता है। बाजरे की तरह ही दिखने वाला ये अनाज उपरी भाग में भूरे रंग का होता है इसलिए ‘ब्राउनटॉप मिलेट’ कहा जाता है।
ब्राउनटॉप मिलेट के कई नाम :
हिंदी में इसे छोटी कांगरी और हरी कंगनी के नाम से जानते हैं। कर्नाटक में ब्राउनटॉप मिलेट को Korale कहा जाता है। वहीं तमिल में Kula Samai और Pala pu नाम से जानते हैं। भारत सरकार ने साल 2023 में मिलेट्स को Inter National Year of Millets योजना के अंतर्गत नया नाम भी दिया ‘Shree Anna / श्री अन्ना।
इसे भी पढ़ें – कोदरा मिलेट के फायदों को जानें
ब्राउनटॉप मिलेट की खेती :
• ब्राउनटॉप मिलेट का ओरिजिन अमेरिका को माना जाता है लेकिन इसकी खेती अब भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, साउथ अफ्रीका, यमन, जिम्बाब्वे, चीन और ऑस्ट्रेलिया में की जाती है। इसकी खेती के लिए ना ज्यादा गर्म और ना ही ज्यादा ठंडा मौसम अच्छा माना जाता है। इसे सूखे क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है। इसे दूसरे पेड़ो की छांव में भी उगा सकते हैं।
• इसे उगाने के लिए कम पानी की आवशक्ता होती है। कर्नाटक के कई क्षेत्रों में पानी के अभाव में किसानों ने प्रयोग के तौड़ पर ब्रॉउनटॉप मिलेट लगाया था। उन्हें इसमें बहुत बढ़िया परिणाम मिला। भारत में ब्राउनटॉप मिलेट की खेती दक्षिण भारत के अलावा उत्तर-प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में की जाती है।
• मिलेट वाली फसलों कीटों को अपनी और आकर्षित नहीं करती। इसलिए कीटनाशकों यानी पेस्टिसाइड्स के छिड़काव की भी जरूरत नहीं होती। मिलेट्स की फसलों में जलवायु अनुकूलन यानी क्लाइमेट एडेप्टेशन की अद्भुत क्षमता होती है इसलिए फसलें और जलवायु में सरलता से पनपती हैं।
ब्राउनटॉप मिलेट के फायदे :
• ब्राउनटॉप मिलेट में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं। इसके सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, आंत का कैंसर, ब्लड कैंसर, पेट का कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
• ब्राउनटॉप मिलेट में फाइबर की मात्रा में सभी अनाजों से ज्यादा होती है। फाइबर घुलनशील होते हैं तो जाहिर सी बात ये फाइबर रक्त में घुलकर पूरी बॉडी और आंतों को साफ़ करते हैं।
• ब्राउनटॉप मिलेट में प्रोटीन रहता है इसलिए इसे 6 से 8 घंटे भिलोकर रखने के बाद खाया जाए जो आसानी से पच जाता है। यह अनाज बच्चों के लिए सुपाच्य है।
• इसमें मौजूद प्रोटीन और एमिनो एसिड शरीर के द्वारा पूरी तरह अवशोषित कर लिया जाता है जो हड्डियों को मजबूती देने और शरीर के विकास में ब्राउनटॉप मिलेट मदद करता है।
• जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी अर्थात ग्लूटेन एलर्जी है या सेलियक डिजीज है उन्हें ब्रॉउनटॉप अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ब्रॉउनटॉप ग्लूटेन मुक्त अनाज है और पोषक तत्वों से भरपूर है।
ब्राउनटॉप के उपयोग
एक बार में एक अनाज
दो मिलेट को मिलाकर न खाएं
6 से 8 घंटे भीगने के बाद खाएं
ब्राउनटॉप मिलेट रोटी, डोसा
ब्राउनटॉप मिलेट के फायदे
एंटी कैंसर गुण मौजूद
फाइबर के कारण रक्त की सफाई
गेहूं से एलर्जी का विक्लप
हड्डियों को मजबूती
Browntop Millet या दूसरे मिलेट्स भी सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं. हमें गेंहू, चावल के साथ साथ मिलेट्स को भी भोजन में शामिल करना चाहिए। सामग्रालय मिलेट्स के बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं ये बहुत अच्छा प्रयास है।
मिलेट्स के बारे में इतनी सेहतमंद जानकारी जानकर अच्छा लगा। हम भी अब मिलेट्स को भोजन में शामिल करना शुरू करेंगें।
शुक्रिया सामग्रालय टीम।