काले चावल | Black rice
काले चावल के विषय में –
जहां एक ओर हरित क्रांति ने देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की, वहीं दूसरी ओर इसमें कुछ सीमित फसलों पर भी बड़ा बदलाव दिखा। दशकों बाद, कई विरासती फसलों को मुख्य धारा में लौटते हुए देखा गया। उनमें से एक मत्वपूर्ण फसल है चावल की।आज से कुल साल पहले तक हम लोग सिर्फ सफेद चावल के बारे में जानते थे और उसी को खाने में इस्तेमाल करते थे। लेकिन, अब लोग न केवल चावल की अनेक किस्मों के बारे में जान रहे हैं बल्कि अपने खाने में भी इस्तेमाल कर रहे हैं। चावल की ऐसी ही एक किस्म है जिसका नाम है – काला चावल। चिकना और बैंगनी-काले रंग का होने की वजह से इसे काला चावल कहा जाता है।
काला चावल मणिपुर में एक मुख्य व्यंजन है। यह पश्चिम बंगाल, झारखंड और उड़ीसा में भी उगाया जाता है। इसे मणिपुर में चक-हाओ यानी (स्वादिष्ट चावल) कहा जाता है। – काले चावल की सबसे खास बात है कि यह शुगर फ्री होता है, जिसे मधुमेह रोगी भी खा सकता है। साथ ही इसमें एंटी ऑक्सीडेंट सहित कई अन्य औषधीय गुण भी हैं, जिसकी वजह से ये काफी महंगा है। अन्य चावलों की तुलना में काले चानल में जिंक, आयरन, फाइबर और प्रोटीन अच्छी खासी मात्रा में होता है।
अगर स्वास्थ के दृष्टिकोण से देखें तो ये लगभग सभी चावल की किस्मों में सबसे ऊपर है। मधुमेह, हृदय रोग, तंत्रिका क्षति, मोटापा और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए भी इसका सेवन लाभदायक माना जाता है। शुरुआत में काले चावल को लेकर कई तरह की भ्रांतियां थी, जिसके कारण कारले चावल के सेवन को शरीर के लिए नुकसानदायक बताया जाता था। लेकिन अब इसके सेवन का चलन बढ़ा है।
काले चावल का स्वाद आम चावलों से अलग होता है। वहीं इसकी हल्की मिठास वाला स्वाद किसी को भी अपना दीवाना बना सकता है। इसी कारण से यह खीर बनाने के लिए भी एक बढ़िया विकल्प है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काले चावल की खेती चीन के एक छोटे से हिस्से में शुरू हुई थी। आपको जानकार हैरानी होगी की इसमें मौजूद अत्यधिक पोषक तत्वों के कारण एक समय में चीन में इसे आम जनता के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
जरूर पढ़िये: जानें Beer बनाने में क्यों इस्तेमाल होता है जौं ?
व्यंजन
ब्लैक केक
फ्राइड राइस
चावल के पुडिंग
सलाद में इस्तेमाल
काले चावल के फायदे
मधुमेह, हृदय रोगों से बचाव
ग्लूटेन फ़्री और डायबिटिक फ्रेंडली
एंटी ऑक्सीडेंट और एंथोसाइनिन से भरपूर
जिंक, आयरन, फाइबर का अच्छा स्त्रोत
One of the black rice variety is native of Manipur. You can get its seeds in Manipur easily. Manipurwasi consider this rice sacred and offer to Lord as a black kheer.
Just wanted to ask if the process of growing is same as the normal rice? I mean it needs lot of water?
Yes, the process remains the same.No extra requirement including irrigation.