गुड़हल

गुड़हल

गुड़हल या जवाकुसुम वृक्षों के मालवेसी परिवार से संबंधित एक फूलों वाला पौधा है। इसका वनस्पतिक नाम है- हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस। गुड़हल के फूल को जमाएका के नाम से भी जाना जाता है। एक ओर जहां ये फूल देखने में बहुत सुंदर और नाजुक होता है वहीं कई तरह से फायदेमंद भी है।

चिराता

हमारे आसपास ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जो रोगों से लड़ने में फायदेमंद हैं भारत में इनका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। उन्हीं में से एक चिरायता/Swertia Chirata भी है। कई लोग चिरायता का स्वाद कड़वा होने की वजह से इसका सेवन नहीं करते। लेकिन, यह जितना कड़वा होता है, उतना ही रोगों से लड़ने में फायदेमंद भी होता है।

लेमन ग्रास

लेमन ग्रास

आज ज़िक्र ही ऐसी पत्तियों का करने वाले हैं, जिसकी खुशबू उसकी खास पहचान है, वो सुना है ना आपने कि ये तेरा जिक्र है, या इत्र है, जब-जब करता हूं, महकता हूं…। दरअसल मेरा इशारा आज की हर दिल अजीज़ उस घास की तरफ है, जिसे सभी लेमनग्रास के नाम से जानते हैं। इस मसाले की भीनी-भीनी खुशबू हमें अंदर तक सुकून पहुंचा देती है।

गंदरायणी

गंदरायणी

गंदरायण, गंदरायणी, गंदरायन या छिप्पी नामों से जाना जाने वाला हिमालयी मसाला ठेठ पहाड़ी खान-पान का अहम मसाला है। राजमा, झोई (कढ़ी) और गहत, अरहर व भट के डुबके (फाणु) में इसका दखल व्यंजन की खुश्बू और जायके को कई गुना बढ़ा देता है। गंदरायणी को हिंदी में चोरा, आयुर्वेद में चोरक कहा जाता है। हिमाचली इसे चमचोरा या चौरू बुलाते हैं तो कश्मीरी चोहरे। इसका अंग्रेजी नाम एन्जेलिका है। गंदरायण व हिमालयन एन्जेलिका इसके वाणिज्यिक नाम हैं। खुशबूदार एपिएसी (Apiaceae) परिवार का यह पौधा एन्जेलिका ग्लोका (Angelica Glauca) के वानस्पतिक नाम से जाना जाता है।

कांगड़ा चाय

कांगड़ा चाय

कांगड़ा चाय एक काली चाय की किस्म है जो अपनी अनूठी सुगंध और विशिष्ट स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में उगायी जाती है, जो अपनी उच्च गुणवत्ता वाली चाय की खेती के लिए प्रसिद्ध है। कांगड़ा चाय कैमेलिया साइनेंसिस वेर से बनाई जाती है।

अंजी व्हाइट टी

अंजी व्हाइट टी

त्रिपुरा के उनाकोटि जिले के गोलोकपुर चाय बागान ने सबसे अधिक मात्रा में सफेद चाय बेचने का रिकॉर्ड बनाया। यह चाय हल्के हरे रंग और चांदी जैसे सफेद बाल जैसे ट्राइकोम वाली ताजा उगी चाय की पत्तियों से बनाई जाती है। अंजी व्हाइट चाय को उसके नाजुक स्वाद, सूक्ष्म मिठास और फूलों की सुगंध के लिए सराहा जाता है।

गोखरू

गोखरू

गोखरू | Gokhru एक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता है। गोखरू के छोटे-छोटे फल होते हैं जिनको गोखरू कहा जाता है। इस जड़ी-बूटी का नाम गाय के खुर के नाम पर पड़ा है क्योंकि इनका आकार गाय के खुर की तरह होता है। इसका इस्तेमाल खासतौर पर वात, पित्त और कफ के उपचार में किया जाता है।

छोटी हरड़

छोटी हरड़

किसी भी बेस्वाद सब्जी को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले का उपयोग करना बेहद जरूरी होता है। साथ ही जिस तरह स्वाद के लिए हम मसाले का यूज करते हैं, इसी तरह सेहत के लिए भी मसालों को शामिल किया जाता है। आज बात पीपली/Long Pepper मसाले की, जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन एंटी-इंफ्लेमेटरी वसा कार्बोहाइड्रेट विटामिन्स अमीनो एसिड मौजूद होते हैं और ये हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।