ऑएस्टर मशरूम

ऑएस्टर मशरूम

देश में मशरूम की कई ऐसी प्रजातियां आ गई हैं, जिनकी खेती सालभर की जा सकती है। इससे किसानों में मशरूम खेती को लेकर लोकप्रियता भी बेहद तेजी से बढ़ी है। किसान कम लागत में इसकी खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती के लिए किसानों को ज्यादा बड़ी जगह की भी जरूरत नहीं होती है। एक बंद कमरे में भी मशरूम की खेती की जा सकती है।

कश्मीरी मिर्च

कश्मीरी मिर्च

कश्मीरी मिर्च न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसीलिये यह सबसे ज़्यादा निर्यात की जाने वाली मिर्च की सबसे महँगी किस्म है। यह मिर्च के सभी क़िस्मों में सबसे कोमल है जिसका इस्तेमाल गाढ़े रंग और अनोखे स्वाद के लिए किया जाता है। यह उत्तर भारत में काफ़ी लोकप्रिय है। कश्मीरी पकवानों, ख़ासतौर पर कश्मीरी दम आलू, रोगन जोश और रिश्ता करी, में मिर्च का खास इस्तेमाल किया जाता है।

बोरिया मिर्च

बोरिया मिर्च

बोरिया मिर्च विशिष्ट रूप से गोल होती है और बहुत तीखी होती है। यह दाल, कढ़ी और करी में तड़के के लिए ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिससे इनका रूप-रंग निखर जाता है। यह मिर्च सूखने पर लाल- भूरे रंग की होती है। यह किस्म दक्षिण में उगाई जाने वाली अन्य गोल-मिर्च किस्मों से भिन्न है, जो कम तीखी होती हैं।

सिचुआन मिर्च

सिचुआन मिर्च

“सिचुआन मिर्च” शब्द को अक्सर गलत समझा जाता है। सिचुआन मिर्च- काली मिर्च, सफेद मिर्च, या हरी मिर्च से संबंधित नहीं है। साबुत, हरी, ताज़ी चुनी हुई सिचुआन मिर्च का उपयोग खाना पकाने में किया जा सकता है, जबकि सूखे सिचुआन मिर्च का उपयोग सामान्यतः किया जाता है। इसके स्वाद में मिर्च के साथ खट्टे नींबू जैसा हल्का खट्टापन होता है। यह चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत के सिचुआन व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला है।

ब्याडगी मिर्ची

ब्याडगी मिर्ची

ब्याडगी मिर्चभारत के कर्नाटक जिले में उगाई जाने वाली मिर्च की एक किस्म है। जिसका नाम कर्नाटक के हावेरी जिले के बयाडगी (Byadgi) शहर के नाम पर रखा गया है। ब्याडगी मिर्च अपने गहरे लाल रंग के और कम तीखेपन के कारण जानी जाती है। साथ ही दक्षिण भारत के विभिन्न खाद्य सामग्रियों में इसका मूल रूप से इस्तेमाल किया जाता है। ब्यादगी मिर्च में कैप्साइसिन की मात्रा नगण्य होती है जो इसे अन्य मिर्च किस्मों की तुलना में कम तीखा बनाती है।

काला गाजर

काला गाजर

गाजर एक ऐसी सब्जी है जो सर्दियों के साथ ही किचन में दस्तक देने लगती है। उत्तर भारत के घरों में सर्दियों के मौमस में एक मीठा पकवान बनता है ‘गाजर का हलवा’ जो बिना गाजर के नहीं बन सकता। ऐसे में तो सर्दी का मजा अधूरा रह जाता है। ये पकवान ज्यादातर बनता है लाल या नारंगी रंग की गाजर से, लेकिन आज आप यहाँ जानेंगें ‘काली गाजर’ के बारे में।

फुटका

फुटका

जहाँ एक ओर पूरे भारत वर्ष में व्यावसायिक खेती-बाड़ी ज़ोरों शोरों पर है। वहीं झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा जैसे क्षेत्रों में वनोपज का महत्त्व आज भी है। वनोपज के इन्ही घटकों में से मशरुम की फुटका प्रजाति एक दुर्लभ प्रजाति है। फुटका जिसे पुतु भी कहते हैं दिखने में छोटे आकार का होता है। आम मशरुम के विपरीत ये ज़मीन के अंदर पैदा होता है। झारखण्ड के साल के जंगलों में मानसून के मौसम में ये उगता है।

दूधिया मशरूम

दूधिया मशरूम

दूधिया मशरूम या कहें मिल्की व्हाई्ट मशरूम एक स्वादिष्ट और प्रोटीनयुक्त तथा कम कैलोरी प्रदान करने वाला खाद्य पदार्थ है। इसमें पायी जाने वाली प्रोटीन में जरूरी अमीनो अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि वृद्धि और विकास के लिए बेहद जरूरी होता है।