सोलापुर ज्वार

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की तालुका ‘मंगलवेधा’ में पिछले लगभग 500 सालों से मोटा अनाज उगाया जा रहा है, ख़ासकर यहां की ज्वार। सोलापुर जिले की काली मिट्टी यहाँ उगाई जाने वाली ज्वार की फसल को पौष्टिक और आर्थिक रूप से किसानों को समृद्ध बना रही है। ज्वार की रोटी पौष्टिक तो बहुत होती है लेकिन ज़्यादातर लोगों और खासतौर पर बच्चों को पसंद नहीं आती। इसीलिए ज्वार अधिकतर कम ही उपयोग में लाई जाती है। ऐसे में पौष्टिक चीजों को नए तरीकों से स्वादिष्ट बनाया जा रहा है।

वज़हकुलम अनानास

वज़हकुलम अनानास

एर्नाकुलम केरल राज्य में स्थित एक जिला है जो वज़हकुलम में होने वाली अनानास की खेती के लिए जाना जाता है। यह केरल के मध्य में बसा हुआ है और कोच्चि शहर के पूर्वी, मुख्यभूमि हिस्से को संदर्भित करता है। एर्नाकुलम को केरल की वाणिज्यिक राजधानी भी कहते हैं। एर्नाकुलम जिले में वज़हकुलम एक गांव है जो मुव्वतुपुज़हा तालुका में स्थित है। यहाँ पर अनानास की खेती बहुतायत होती है और इसी वजह से यहाँ उगने वाले अनानास का नाम ‘वज़हकुलम अनानास’ रखा गया।

सन्नम मिर्च

सन्नम मिर्च

गुंटूर सनम मिर्च आंध्र-प्रदेश की बहुत ही प्रसिद्ध मिर्च है। गुंटूर मिर्च की खेती, प्रसंस्करण और उपलब्धता मुख्य रूप से गुंटूर में ही होती है। गुंटूर सन्नम मिर्ची को उगने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। साथ ही पकने के लिए सन्नम मिर्ची को शुष्क मौसम की आवश्यकता होती है। ये दोनों ही जलवायु आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में मिल जाती है। सन्नम मिर्ची को 7,000 फीट (2,100 मीटर) तक की ऊंचाई पर लगाया जा सकता है।

अरकू कॉफी

अरकू कॉफी

विशाखापट्टनम के करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर बसी है अरकू घाटी जो अलूरी क्षेत्र में पड़ती है। यह दक्षिण भारत के राज्य आंध्र-प्रदेश का एक पहाड़ी जिला है। अलूरी जिले में ही एक घाटी का नाम है अरकू घाटी। अरकू घाटी विजाग शहर से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और उड़ीसा की सीमा के बहुत करीब है।

गोल्डन बेरी

गोल्डन बेरी

गोल्डन बेरी को रसभरी के नाम से जाना जाता है, एक छोटा नारंगी बेरी फल है। इसके कई नाम हैं जैसे गोल्डन बेरी, इंका बेरी और ग्राउंड बेरी। कहीं-कहीं इसे ‘मकोय’ भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे ‘चिरपोटी’ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटपोटनी भी कहते हैं। राजस्थान मे इसे सिरपोटी करते है। इसके फलों को खाया जाता है। रसभरी औषधीय गुणो से परिपूर्ण है।

लाल आलू

लाल आलू

आलू के बिना शायद ही कोई खाना पूरा होता हो, आलू हर घर में में पायाा जाता है। उसे सेंकना हो, उबालना हो या मैश करना हो, आसान भी है और स्वादिष्ट भी। यह एक ऐसी सब्जी है जिसे लगभग किसी भी प्रकार के भोजन में शामिल किया जा सकता है। जब आप एक आलू की कल्पना करते हैं, तो ये भूरे रंग की त्वचा और अंदर से सफेद दिखने वाले आलू की ही तस्वीर बनती है, लेकिन वास्तव में आलू के प्रकारों की एक पूरी दुनिया है, और ये सभी प्रकार अपने आप में एक अनूठे स्वाद, बनावट, रंग और खाना पकाने के तरीकों में एक दूसरे से अलग भी हैं।

बैंगलोर ब्लू

बैंगलोर ब्लू

कर्नाटक के बंगलोर ग्रामीण और बंगलोर शहरी इलाकों में एक खास किस्म के अंगूर की खेती की जाती है जिसे ब्लू अंगूर या बैंगलोर ब्लू अंगूर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि 18वीं शताब्दी के समय से ही ये अंगूर इन इलाकों में उगाए जाते रहे हैं और समय के साथ यहाँ की जलवायु, मिट्टी और अंगूर की खेती के नए नए नियमों की मदद से रस वाले अंगूर (हरे) और बंगलोर ब्लू (नीले अंगूर) वाइन अंगूर जैसी प्रसिद्ध किस्मों की खेती यहाँ बहुतायत होने लगी है।

नंजनगुड केला

नंजनगुड केला

केला हमारे जीवन में बेहद ही आम भी है और खास भी। लेकिन हमारे देश में केलों की भी विभिन्न किस्में पाई जाती है जिसकी जानकारी दूर दराज के इलाकों में रहने वालों को नहीं होती। सामग्रालय यहीं पर आपकी मदद करता है विभिन्न प्रकार की किसमों की जानकारी यहाँ दी जाती है। आज बात कर्नाटक के ही एक केले की किस्म की जो अपने इलाके नंजनगुड (मैसूर) में उगने के लिए काफी प्रसिद्ध है।