कतरनी चावल

कतरनी चावल

कतरनी चावल अपनी खुशबू और स्वाद के लिए बेहद लोकप्रिय रहा है। यह बिहार राज्य के भागलपुर जिसे में सबसे अधिक उगाया जाता है। कहा जाता है पकने के बाद और पहले भी कतरनी चावल में से पॉप कॉर्न जैसी खुशबू आती है जो इसे बाकि चावल की किस्मों से अलग बनाती है। यह चावल आकार में छोटा होता है और चिपकता नहीं है। ये खाशियत कतरनी चावल की चानन नदी के बालू से आती है।

देहरादूनी बासमति चावल

देहरादूनी बासमति चावल

दून की बात करें और यहां उगने वाले चावल की बात न की जाए तो गलत होगा। देहरादून में पाए जाने वाले बासमति चावल यहां की खास उपज में से एक है। अधिकांश लोगों को मालूम नहीं होगा कि जिस ‘देहरादूनी’ बासमती की देश-दुनिया में धाक रही है, वह अफगानिस्तान से यहां आई थी।

मुल्तानी मिट्टी

मुल्तानी मिट्टी

मुल्तानी मिट्टी एक औषधीय मिट्टी है, जिसे शरीर पर लगाने के काम में लिया जाता है। पुराने समय में इसका उपयोग बाल धोने आदि के लिए किया जाता रहा है। आज के समय में स्नान करने फेस पैक आदि के लिए प्रयोग करते हैं। चर्मरोगों को समाप्त करने एवं त्वचा को मुलायम रखने में बहुत सहायक है। तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर लगाना चाहिए और शुष्क त्वचा के लिए इसे दूध, शहद या दही के साथ प्रयोग करना चाहिए।

बांस की टहनी

बांस की टहनी

बांस या बांस की लकड़ी के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन बांस को खाने में इस्तेमाल करने के बारे में कम ही लोग जानते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं Bamboo Shoots की जो बांस के पेड़ के साथ किनारे पर उग आते हैं जो कि सामान्य बांस के मुकाबले काफी नरम होते हैं। बांस की टहनी कहें या Bamboo Shoots, इसे कई देशों में खाया जाता है और इससे बनने वाली डिश काफी पसंद की जाती है। खासकर पूर्वी भारत में इसे बड़े चाव से खाया जाता है।

हेजलनट

हेजलनट

हेजलनट (Hazelnut) एक जड़ी-बूटी है, जिसे कोबनट या फिल्बर्ट नट भी कहा जाता है। इसका बोटेनिकल नाम कोरीलस है, जो कि बिर्च (Birch) फैमिली से आता है। यह हल्के भूरे रंग का होता है। यह ज्यादातर टर्की, इटली, स्पेन और अमेरिका में उगाया जाता है। हेजलनट को कच्चा, भुन कर या इसका पेस्ट बनाकर सेवन किया जाता है और इसका स्वाद मीठा होता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे जम्मू और कश्मीर, उत्तरी पूर्वी हिमालय और उत्तराखंड में हेज़लनट उगाया जाता है।

भलिया गेहूं

भलिया गेहूं

साल 2011 में भलिया गेहूं को GI Tag मिल चुका है जो इस गेहूं की गुणवत्ता के कारण मिला जिसमें हाई-प्रोटीन और गेहूं में मिठास शामिल है। भालिया गेहूं ड्यूरम (durum) गेहूं की एक किस्म है जो अपनी कठोर बनावट और उच्च प्रोटीन सामग्री के लिए जानी जाती है। यह पास्ता/ Pasta, कूसकूस (couscous/कुस्कस ड्यूरम गेहूं से बने सूजी के दानों का एक रूप है।

अंबा हल्दी

अंबा हल्दी

अंबा हल्दी, जिसे “मैंगो जिंजर” भी कहा जाता है, महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों में उगाई जाने वाली हल्दी की एक अनूठी किस्म है। नियमित हल्दी के विपरीत, अंबा हल्दी में हल्का स्वाद और कच्चे आम जैसी सुगंध होती है, जो इसके नाम को स्पष्ट करती है। इसका उपयोग विभिन्न पाक अनुप्रयोगों में किया जाता है, विशेष रूप से अचार, चटनी और पारंपरिक भारतीय पेय पदार्थों में।

चेथी हल्दी

चेथी हल्दी

चेथी हल्दी, जिसे “कस्तूरी मंजल/ Kasturi Manjal” के नाम से भी जाना जाता है, भारत के केरल में उगाई जाने वाली एक स्थानीय किस्म है। यह अपने हल्के पीले रंग और अनोखी सुगंध से पहचाना जाता है। चेथी हल्दी का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसके उपचार गुणों के लिए किया जाता है और माना जाता है कि इसमें एंटीसेप्टिक और सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं।