बंगापल्ली आम

बंगापल्ली आम

बंगापल्ली एक भारतीय आम है जो दक्षिण भारत में पाया जाता है। यह आम का पेड़ गहन हरे पत्तों वाला होता है जो सम्पूर्ण वर्ष भर में खुशबूदार फूलों से ढंका होता है। इसके फल मधुर, मूलभूत रूप से अंडाकार और हल्के हरे रंग के होते हैं। बंगानापल्ले आम को बहुत से लोग (बेनिशान) आम, बंगानापल्ली, बंगनपल्ले, बैगनपल्ली आम, बैगनफली (Banganapalle Mango or Benishan) भी कहते हैं। बंगापल्ली आम का उपयोग फलाहार, जूस, आचार, चटनी, मुरब्बा और इसे रायते, सलाद और डिजर्ट में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है और इसे ताजा या सूखे रूप में खाया जा सकता है।

काफिर नींबू

काफिर नींबू

काफिर लाइम, मकरूट के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसका ताल्लुक citron परिवार से है। Etymologist अभी भी इसके नाम के पीछे के रहस्य को ढूंढ नहीं पाए हैं, लेकिन ऐसा माना गया है कि ‘काफ़िर’ शब्द से ही इसका नाम लिया गया है। काफिर शब्द को नकारात्मक माना गया तो तो कुछ लेखकों ने काफिर शब्द की जगह ‘मकरूट’ लिखना शुरू किया जबकि दक्षिण अफ्रीका में इसे ‘थाई लाइम’ कहा जाने लगा।

कश्मीरी मिर्च

कश्मीरी मिर्च

कश्मीरी मिर्च न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसीलिये यह सबसे ज़्यादा निर्यात की जाने वाली मिर्च की सबसे महँगी किस्म है। यह मिर्च के सभी क़िस्मों में सबसे कोमल है जिसका इस्तेमाल गाढ़े रंग और अनोखे स्वाद के लिए किया जाता है। यह उत्तर भारत में काफ़ी लोकप्रिय है। कश्मीरी पकवानों, ख़ासतौर पर कश्मीरी दम आलू, रोगन जोश और रिश्ता करी, में मिर्च का खास इस्तेमाल किया जाता है।

जोहा चावल

जोहा चावल

भारत में 6 हजार से भी ज्यादा चावल की किस्में उगाई जाती हैं. जिसमें सफेद चावल हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। सफेद चावल कच्चे चावल का अत्यधिक शुद्ध रूप है। दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने के बावजूद सफेद चावल सेहत के लिए ठीक क्यों नहीं माने जाते? चोकर और अंकुरित सामग्री को अगर डेली डाइट में लिया जाए, तो वह काफी फायदेमंद होती है। इनमें फाइबर के साथ-साथ पोषक तत्व भी होते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। आज जानेंगें चावल की एक किस्म ‘राजामुड़ी चावल’ के बारे में।

बोरिया मिर्च

बोरिया मिर्च

बोरिया मिर्च विशिष्ट रूप से गोल होती है और बहुत तीखी होती है। यह दाल, कढ़ी और करी में तड़के के लिए ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिससे इनका रूप-रंग निखर जाता है। यह मिर्च सूखने पर लाल- भूरे रंग की होती है। यह किस्म दक्षिण में उगाई जाने वाली अन्य गोल-मिर्च किस्मों से भिन्न है, जो कम तीखी होती हैं।

सिचुआन मिर्च

सिचुआन मिर्च

“सिचुआन मिर्च” शब्द को अक्सर गलत समझा जाता है। सिचुआन मिर्च- काली मिर्च, सफेद मिर्च, या हरी मिर्च से संबंधित नहीं है। साबुत, हरी, ताज़ी चुनी हुई सिचुआन मिर्च का उपयोग खाना पकाने में किया जा सकता है, जबकि सूखे सिचुआन मिर्च का उपयोग सामान्यतः किया जाता है। इसके स्वाद में मिर्च के साथ खट्टे नींबू जैसा हल्का खट्टापन होता है। यह चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत के सिचुआन व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला है।

ब्याडगी मिर्ची

ब्याडगी मिर्ची

ब्याडगी मिर्चभारत के कर्नाटक जिले में उगाई जाने वाली मिर्च की एक किस्म है। जिसका नाम कर्नाटक के हावेरी जिले के बयाडगी (Byadgi) शहर के नाम पर रखा गया है। ब्याडगी मिर्च अपने गहरे लाल रंग के और कम तीखेपन के कारण जानी जाती है। साथ ही दक्षिण भारत के विभिन्न खाद्य सामग्रियों में इसका मूल रूप से इस्तेमाल किया जाता है। ब्यादगी मिर्च में कैप्साइसिन की मात्रा नगण्य होती है जो इसे अन्य मिर्च किस्मों की तुलना में कम तीखा बनाती है।

काला गाजर

काला गाजर

गाजर एक ऐसी सब्जी है जो सर्दियों के साथ ही किचन में दस्तक देने लगती है। उत्तर भारत के घरों में सर्दियों के मौमस में एक मीठा पकवान बनता है ‘गाजर का हलवा’ जो बिना गाजर के नहीं बन सकता। ऐसे में तो सर्दी का मजा अधूरा रह जाता है। ये पकवान ज्यादातर बनता है लाल या नारंगी रंग की गाजर से, लेकिन आज आप यहाँ जानेंगें ‘काली गाजर’ के बारे में।