एप्पल-कलर अमरूद

एप्पल-कलर अमरूद

भारत में अमरूद एक बेहद ही लोकप्रिय फल है, जिसे देशभर में अलग-अलग जलवायु के अनुसार उगाया जाता है और अलग-अलग नामों से पहचाना भी जाता है। अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, प्रोटिन, फॉस्फोरस, और कैल्शियम पाया जाता है। अमरूद को खाने के अलावा जेम, जैली, चीज, टॉफी, जूस आदि के उत्पादन में उपयोग में लाया जाता है।
सामग्रालय में अमरूदों की किस्मों के बारे में जानकारी दे रहें हैं ताकि अगली बार जब आप अमरूद खाएं तो आपको पता रहे कि ये कौन से किस्म का अमरूद है और इसका नाम क्या है।

वज़हकुलम अनानास

वज़हकुलम अनानास

एर्नाकुलम केरल राज्य में स्थित एक जिला है जो वज़हकुलम में होने वाली अनानास की खेती के लिए जाना जाता है। यह केरल के मध्य में बसा हुआ है और कोच्चि शहर के पूर्वी, मुख्यभूमि हिस्से को संदर्भित करता है। एर्नाकुलम को केरल की वाणिज्यिक राजधानी भी कहते हैं। एर्नाकुलम जिले में वज़हकुलम एक गांव है जो मुव्वतुपुज़हा तालुका में स्थित है। यहाँ पर अनानास की खेती बहुतायत होती है और इसी वजह से यहाँ उगने वाले अनानास का नाम ‘वज़हकुलम अनानास’ रखा गया।

गोल्डन बेरी

गोल्डन बेरी

गोल्डन बेरी को रसभरी के नाम से जाना जाता है, एक छोटा नारंगी बेरी फल है। इसके कई नाम हैं जैसे गोल्डन बेरी, इंका बेरी और ग्राउंड बेरी। कहीं-कहीं इसे ‘मकोय’ भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे ‘चिरपोटी’ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटपोटनी भी कहते हैं। राजस्थान मे इसे सिरपोटी करते है। इसके फलों को खाया जाता है। रसभरी औषधीय गुणो से परिपूर्ण है।

बैंगलोर ब्लू

बैंगलोर ब्लू

कर्नाटक के बंगलोर ग्रामीण और बंगलोर शहरी इलाकों में एक खास किस्म के अंगूर की खेती की जाती है जिसे ब्लू अंगूर या बैंगलोर ब्लू अंगूर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि 18वीं शताब्दी के समय से ही ये अंगूर इन इलाकों में उगाए जाते रहे हैं और समय के साथ यहाँ की जलवायु, मिट्टी और अंगूर की खेती के नए नए नियमों की मदद से रस वाले अंगूर (हरे) और बंगलोर ब्लू (नीले अंगूर) वाइन अंगूर जैसी प्रसिद्ध किस्मों की खेती यहाँ बहुतायत होने लगी है।

नंजनगुड केला

नंजनगुड केला

केला हमारे जीवन में बेहद ही आम भी है और खास भी। लेकिन हमारे देश में केलों की भी विभिन्न किस्में पाई जाती है जिसकी जानकारी दूर दराज के इलाकों में रहने वालों को नहीं होती। सामग्रालय यहीं पर आपकी मदद करता है विभिन्न प्रकार की किसमों की जानकारी यहाँ दी जाती है। आज बात कर्नाटक के ही एक केले की किस्म की जो अपने इलाके नंजनगुड (मैसूर) में उगने के लिए काफी प्रसिद्ध है।

अप्पेमिडी आम

अप्पेमिडी आम

अप्पेमीडी आम, कर्नाटक में उगाया जाता है। कर्नाटक का अप्पेमिडी आम यहां की तमाम प्रचलित चीजों में से एक है। अप्पेमिडी आम में कम रेशे होते हैं। आम की ये वेराइटी नाजुक होती है और स्वाद में ये आम खट्टा होता है। अप्पेमिडी मूल रूप से पश्चिमी घाट के जंगलों में पैदा होते हैं। अप्पेमिडी आम कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ और शिमोगी जिले के सागर, रिप्पोनपेट और होसानगर तालुका में विशेष रूप से उगाए जाते हैं।

पोमेलो

पोमेलो

पोमेलो, एक निम्बू-वंश का फल है, जो उस वंश की सबसे बड़ी जातियों में से एक है। हालांकि कई नींबू वंश के फल हाईब्रिड होते है लेकिन देवनहल्ली पोमेलो एक शुद्ध प्राकृतिक जाति है। इसके कच्चे फल का रंग हरा होता है और पक जाने पर ये फल बाहर से हल्का हरा या पीला रंग ले लेता है। हालांकि अंदर से ये गुलाबी रंग को होता है। स्वाद में ये फल खट्टा होने के साथ-साथ हल्का मीठापन भी लिए रहता है।

लाल केला

लाल केला

लाल केला के विषय में –
दशकों पहले के समय में ही कर्नाटक में उगने वाले मसाले भारत के बाहर यूरोप तक के रसोईघरों में काफी प्रचलित रहे हैं। कर्नाटक में काली मिर्च, इलाइची, दालचीनी, लौंग आदि मसाले ज्यादातर उगाए जाते हैं। फलों की बात करें तो कालाबुरागी में आम, केला, नींबू, अंगूर जैसे फल भी बहुतायत उगाए जाते हैं। केलों की किस्मों में कालाबुरागी का लाल केला जो कालाबुरागी के कमलापुर गांव की घाटी में उगाया जाता है काफी प्रसिद्द है।