हिमालयन बेरी

हिमालयन बेरी

डालेचुक, हिप्पोफेई, लेह बेरी, गोल्ड माइन, हिमालनय बेरी या लाली…..सब एक ही फल के नाम हैं, जिसे अंग्रेजी में SEA BUCKTHORN कहा जाता है। हमारे देश में यह जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, सिक्किम और उत्तराखंड में पाया जाता है। लद्दाख में एक फ्रूट-जूस मिलता है ‘लेह बेरी’ वह इसी सी-बकथोर्न पौधे के फलों का जूस है जो काफी मशहूर है लेह में। इस जूस की खासियत यह है कि कितनी ही ठंड पड़े, यह जमता नहीं। शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर भी नहीं। सियाचिन ग्लेशियर हो या द्रास-कारगिल यह वहां भी नहीं जमता।

करोंदा

करोंदा

करोंदा एक ऐसा फल जो  आपके घर के बगीचे में आसानी से उगते हुए देखा जा सकता है और इसकी खेती व्यावसायिक रूप से  भी की जाती है। ये हिमालय और पश्चिमी घाटों में पाया जाता है , इसका  झाडी  नुमा पेड़  उत्तरी क्षेत्र में अच्छी तरह से जाना जाता है।

कैर

कैर

अगर आपने कभी राजस्थान की यात्रा की है तो कैर | Kair की सब्जी जरूर खाई होगी। कैर | Kair राजस्थान जैसे गर्म प्रदेश के साथ ही हरियाणा के अरावली क्षेत्र में पहाडियों पर आसानी से उगा हुआ दिख जाता है।
कैर यहां का एक ख़ास फल है, जो सबसे ज़्यादा राजस्थान में ही उगता है। इसकी वजह कि कैर की खेती के लिए वहां की जलवायु उपयुक्त है। वैसे तो ये वहां झाड़ी के रूप में उग आता है, लेकिन किसान व्यवासायिक तौर पर कैर की खेती करके अच्छी आमदनी कर सकते हैं।

गोल्डन बेरी

गोल्डन बेरी

गोल्डन बेरी को रसभरी के नाम से जाना जाता है, एक छोटा नारंगी बेरी फल है। इसके कई नाम हैं जैसे गोल्डन बेरी, इंका बेरी और ग्राउंड बेरी। कहीं-कहीं इसे ‘मकोय’ भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे ‘चिरपोटी’ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटपोटनी भी कहते हैं। राजस्थान मे इसे सिरपोटी करते है। इसके फलों को खाया जाता है। रसभरी औषधीय गुणो से परिपूर्ण है।

काफल फल

काफल फल

काफल फल (Kafal Fruit) हिमालय के ऊंचे पहाड़ों में (उत्तराखंड, हिमाचल, नेपाल) पाया जाने वाला एक फल है। यह फल छोटा और गोल होता है जिसका रंग हल्के लाल या नारंगी होता है। काफल फल का स्वाद मीठा और खट्टा होता है और इसकी खुशबू भी बेहद सुंदर होती है। यह फल खाने के अलावा जाम, शरबत, जेली और मुरब्बा बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।