रधुनी पगोल चावल

रधुनी पगोल चावल

भारत में चावलों की सैकड़ों किस्में हैं। सभी किस्म के चावलों में अपनी कुछ खास सुगंध और स्वाद होता है। इस आर्टिकल में बात होती पश्चिमी बंगाल के चावल रधुनी पगोल (Radhuni Pagol Rice) की। रधुनी पगोल चावल का नाम रधुनी मसाले के नाम पर पड़ा अगर आप रधुनी के बारे में नहीं जानते हैं तो यहां रधुनी से मुलाकात कर सकते हैं।

गोबिंदोभोग चावल

गोबिंदोभोग चावल

प्राचीन समय से भारतीय थाली में दाल और चावल परोसने की परंपरा रही है। चावल की दुनियाभर में तकरीबन चालीस हजार से ज्यादा किस्में हैं। चावल के उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है। गोबिंदभोग,चावलों की सबसे प्रसिद्ध किस्मों में से एक है। यह नाम एक भारतीय स्थानीय देवता गोविंदजी से लिया गया है, जिन्हें यह भेंट के रूप में परोसा गया था।

काले चावल

काले चावल

जहां एक ओर हरित क्रांति ने देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की, वहीं दूसरी ओर इसमें कुछ सीमित फसलों पर भी बड़ा बदलाव दिखा। दशकों बाद, कई विरासती फसलों को मुख्य धारा में लौटते हुए देखा गया। उनमें से एक मत्वपूर्ण फसल है चावल की।