सोयाबीन

सोयाबीन

देश आजाद हुआ, और स्वतंत्र हो गईं ऐसी कई खाद्य सामग्रियां, जो रह-रह कर हमारे सामने आने लगीं। इन्हीं में से एक थी सोयाबीन, जिसे सोयानट्स भी कहा जाता है। इस सोयाबीन ने किचन शेफ को कई लजीज रेसिपीज बनाने के मौके दिए और सेहत को लेकर सतर्क रहने वाले लोगों को सोयाबीन खाने की वैरायटीज।

काली सोयबीन

काली सोयबीन

बांस या बांस की लकड़ी के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन बांस को खाने में इस्तेमाल करने के बारे में कम ही लोग जानते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं Bamboo Shoots की जो बांस के पेड़ के साथ किनारे पर उग आते हैं जो कि सामान्य बांस के मुकाबले काफी नरम होते हैं। बांस की टहनी कहें या Bamboo Shoots, इसे कई देशों में खाया जाता है और इससे बनने वाली डिश काफी पसंद की जाती है। खासकर पूर्वी भारत में इसे बड़े चाव से खाया जाता है।

तूर दाल

दशकों पहले के समय में ही कर्नाटक में उगने वाले मसाले भारत के बाहर यूरोप तक के रसोईघरों में काफी प्रचलित रहे हैं। उस वक्त कर्नाटक में उगने वाले मसालों को दूसरे राज्यों जैसे केरल और मुम्बई से समुद्री रास्तों के जरिए यूरोप में निर्यात किया जाता था। कर्नाटक में काली मिर्च, इलाइची, दालचीनी, लौंग आदि मसाले ज्यादातर उगाए जाते हैं। आज भी कर्नाटक भारत में सबसे अधिक काली मिर्च उगाने वाला राज्य है। कालाबुरागी एक जिला है जो कर्नाटक राज्य के ही उत्तर में स्थित है।

कुल्थी

कुल्थी

कुल्थी, जितनी भी दालों के बारे में आप सोच सकते हो उन सबसे अधिक प्रोटीन युक्त हात है। भारत में जितनी तरह की दालें पकाई जाती हैं शायद उनमें से सबसे ज्यादा समय जिस दाल को पकने में लगता है वो है कुल्थी। और इसी में इस कठोर फसल की सुंदरता और स्वास्थ्य निहित है। कुल्थी की दाल, जिसे मीट से भी ज्यादा पौष्टिक कहा जाता है, जिसे हॉर्स ग्राम के नाम से जाना जाता है उस दाल को दक्षिण भारत की महत्वपूर्ण फसल माना गया है।