खैर का पेड़

खैर का पेड़

भारत में सजावटी पौधे के साथ -साथ व्यावसायिक खेती वाला फूल जापान का राष्ट्रीय पौधा बन चुका है। गुलदाउदी की खेती Guldaudi Plant हजारों वर्ष पूर्व एशिया के भारत तथा चीन वाले भू-भाग से होते हुए इंग्लैंड, जापान, अमेरिका एवं विश्व के अन्य भागों में पहुंच गई है। इसकी खेती बहुत ही सहज एवं सरल है। इसे अच्छी धूप की आवश्यकता होती है और इसे तेज आंधी, गर्मी एवं बर्फवारी से बचाना चाहिए। जापान में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है एवं इसे वहां के राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा प्राप्त है।

गुलदाउदी

गुलदाउदी

भारत में सजावटी पौधे के साथ -साथ व्यावसायिक खेती वाला फूल जापान का राष्ट्रीय पौधा बन चुका है। गुलदाउदी की खेती Guldaudi Plant हजारों वर्ष पूर्व एशिया के भारत तथा चीन वाले भू-भाग से होते हुए इंग्लैंड, जापान, अमेरिका एवं विश्व के अन्य भागों में पहुंच गई है। इसकी खेती बहुत ही सहज एवं सरल है। इसे अच्छी धूप की आवश्यकता होती है और इसे तेज आंधी, गर्मी एवं बर्फवारी से बचाना चाहिए। जापान में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है एवं इसे वहां के राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा प्राप्त है।

शतावर

शतावर

शतावर एक जानी -मानी जड़ी-बूटी है जिसे कई बिमारियों के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस जड़ी-बूटी का टैबलेट, पाउडर, तरल रूप में भी सेवन किया जाता है। इसका इसेतमाल खासकर इसकी जड़ बनी दवाओं के लिए ही किया जाता है। महिलाओं को होने वाली तमाम समस्याओं में शतावरी को लाभकारी माना गया है-जैसे ओवरी सिंड्रोम, स्तन में दूध की मात्रा अगर कम हो रही है तो उसे बढ़ाने के लिए शतावरी का सेवन आयुर्वेद में बताया गया है।

कालमेघ

कालमेघ

प्राकृतिक वनस्पति की बात की जाए तो हमें अगिनत वनस्पतियाँ और जड़ी-बूटियाँ मिलती है अपनी प्रकृति से। लेकिन इन जड़ी-बूटियों और जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी कम ही होती है। ऐसा ही एक पौधा है कालमेघ। कालमेघ के पौधे का इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में लंबे समय से किया जा रहा है।

मिसवाक

मिसवाक

मिसवाक (Miswak) का नाम हम सबने जरूर सुना होगा लेकिन मिसवाक के फायदों या वह किस प्रकार से उगता है या बनता है इस बारे में जानकारी कम ही होती है। सामग्रालय में हम ऐसे ही गुणकारी सामग्रियों के बारे में जानकारी देते हैं। मिसवाक एक वृक्ष की टहनी होती है या कहें मिसवाक पेड़ की टहनियों की दातून को ही मिसवाक नाम से जाना जाता है। मिसवाक की लकड़ी में एक नमक और खास प्रकार का रेजिन पाया जाता है जो दातों में चमक पैदा करता है।

वज्रदंती

वज्रदंती

आयुर्वेद ने हमें कई ऐसी आयुर्वेदिक औषधियाँ दी हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को विस्तार से पता नहीं होता। ऐसी ही एक जड़ी-बूटी का नाम है वज्रदंती। वज्रदंती एक बरसाती पौधा है जो बरसात के मौसम में दिखाई देता है। इसे आप पहाड़ी इलाकों और नदी के किनारे ज्यादा देखेंगे। वज्रदंती भारत में कई जगह आसानी से उपलब्ध है। वज्रदंती पीले रंग के फूलों वाला एक सुंदर पौधा होता है, जो एशिया व अफ्रीका के कई क्षेत्रों में पााया जाता है।

गिलोय

गिलोय

गिलोय एक पत्तेदार जड़ी-बूटी है। यह लता के रूप में पाई जाती है। आयुर्वेद में इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे – अमृता, गुडुची, चक्रांगी आदि। बुखार को ठीक करने के लिए इसका ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही विभिन्न बीमारियों से लड़ने एवं रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। पान के पत्तों की तरह के ही पत्ते गिलोय के होते हैं।

जटामांसी

जटामांसी

सेल्फ ग्रूमिंग पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है, ऐसे में आयुर्वेद आपकी मदद करता है। बालों की समस्या हम सबके साथ होती है। पुराने आयुर्वेदिक खजाने में मजबूत और हेल्दी बालों का राज छुपा है। जटामंसी एक ऐसी ही जड़ी-बूटी है जो बालों में नई जान डाल देती है। जटामांसी एक तरह की जड़ी-बूटी है जो जिसका उपयोग बालों की जड़ों के लिए काफी फायदेमंद होता है। जटामांसी को इसके तेल के लिए अधिक उपयोग किया जाता है। जटामांसी की जड़ों से उसका तेल तैयार होता है।