अशोक छाल | Ashok Chaal
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अशोक छाल के विषय में -
अशोक का पेड़ (Ashok Tree) कई बीमारियों के लिए रामबाण औषधि (Medicine) माना गया है। अशोक के पेड़ की छाल, पत्ते, जड़ या इसके फूल, ये सभी आयुर्वेद (Ayurveda) में औषधीय के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। इस पेड़ का सबसे ज्यादा उपयोग महिलाओं को होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए होता है। अशोक में विभिन्न औषधीय गुण हैं, विशेष रूप से इसकी छाल और पत्ते।
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हॉर्मोनल बदलाव में उपयोगी अशोका छाल :
महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव के कारण वाइट डिस्चार्ज और अनियमित माहवारी की दिक्कत होती है। जिन महिलाओं के पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है या जिन महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होते हैं, उनके लिए यह कारगर औषधि है। इस्तेमाल के लिए अशोक की छाल को पीसकर उसके अंदर धागे वाली मिश्री को बराबर मात्रा में मिला लें। इसके बाद दिन में तीन बार सेवन करें या फिर इसका काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पिएं।
महिलाओं में अक्सर हार्मोंस के बदलाव होते रहने की वजह से फोड़े फुंसी की परेशानी बनी रहती है। ऐसे में अशोक की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार कर लें और रोज इसका सेवन करें। इसके अतिरिक्त सरसों का तेल अशोक की छाल में मिक्स करके फोड़े-फुंसी वाले स्थान पर लगाने से भी यह समस्या ठीक होती है और त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा यह एंटी एजिंग में भी सहायक है।
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अशोक वृक्ष के विभिन्न भागों का सेवन :
- अशोक के पेड़ की छाल का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सेवन किया जा सकता है।
- अशोक के पेड़ की छाल का काढ़ा दूध के साथ सेवन किया जा सकता है।
- अशोक के पेड़ का सेवन आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में ‘असोकारिष्ट’ और ‘असोकाघृत’ के रूप में किया जा सकता है।
Note – किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
अशोक छाल के उपयोग
- छाल का काढ़ा बनाएं
- छाल और तेल को त्वचा पर लगाएं
- अशोक बीज का चूर्ण
- अशोक पुष्प का चूर्ण
अशोक छाल के फायदे
- मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करे
- पीरियड के दर्द और ऐंठन को कम करता
- स्किन के लिए फायदेमंद
- एंटी एजिंग का काम करती