हलीम | Garden cress seeds
हलीम के विषय में –
हलीम एक तेजी से बढ़ने वाली खाद्य जड़ी-बूटी है जो वनस्पति रूप में वॉटरक्रेस और सरसों से संबंधित है। हलीम को अंग्रेजी में गार्डन क्रेस सीड्स भी कहते हैं। महाराष्ट्र में इसे हलीवा सीड्स के नाम से लोकप्रिय है। हलां छोटे लाल रंग के बीज होते हैं जो आयरन, फोलेट, फाइबर, विटामिन-सी, ए, ई और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का एक पावर हाउस भी कह सकते हैं।
हलीम एक बारहमासी पौधा है, जो पत्तेदार सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। आमतौर पर हलीम के पौधे का इस्तेमाल गार्निश के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बीज छोटे, थोड़े लंबे और लाल भूरे रंग के होते हैं और इन्हें हिंदी में हलीम, मराठी में अलिव और गुजराती में असेरिया कहा जाता है।
हलीम एनीमिया को दूर करता है। एक टीस्पून हलीम के बीज से 12 मिलीग्राम आयरन मिलता है। आयरन में समृद्ध होने के नाते और गैलेक्टागोग (एक भोजन जो स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ाता है) होने के कारण स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए फायदेमंद है।
इसकी उच्च प्रोटीन की मात्रा आपको संतृप्त करने और मांसपेशियों का निर्माण करने में भी मदद करती है। हलीम कब्ज के लिए एक अच्छा इलाज है। जब पानी के साथ हलीम से प्राप्त होने वाले फाइबर से पाचन तंत्र सुचारू रूप से चलता रहता है। हलीम के बीज में आयरन का उच्च स्तर लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देता है और शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
हलीम बीज फाइटोकेमिकल्स में समृद्ध होते हैं जो, एस्ट्रोजन हार्मोन की नकल करते हैं और पीरियड्स को नियमित करते हैं। यह हार्मोन को नियमित करने और अनियमित मासिक धर्म चक्र को सामान्य करने का एक प्राकृतिक तरीका साबित हो सकता है।
हलीम बीजों के व्यंजन
भिगोकर दूध या स्मूदी में मिलाएं।
दरदरा पीस कर सलाद में इस्तेमाल करें।
लड्डू बनाने में हलीस के बीज डालें।
प्याज, हरी मिर्च आदि मसालों को मिलाकर भरवां रोटी खाएं।
जूस, रिफ्रैसिंग डिंक्स आदि में मिलाएं।
हलीम बीजों के फायदे
एनीमिया के इलाज में मदद
स्तन में दूध के उत्पादन को बढ़ाता है।
कब्ज़ और वजन घटाने में मदद।
मासिक धर्म को नियमित करने में मदद।
इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद।