Ginseng | जिनसेंग
जिनसेंग के विषय में –
जिनसेंग एक औषधीय जड़ी-बूटी है जिसे जड़ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग वैसे तो अधिकतर रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है जैसे इम्यून सिस्टम को ठीक रखना साथ ही संक्रामक रोगों को से लड़ने के लिए शरीर को ताकत देता है। भारतीय जिनसेंग प्रमुख रूप से एल्कलॉइड और लैक्टोन से बना है। जड़ी बूटी में भी प्रचुर मात्रा में टैनिन, लोहा , फैटी एसिड, नाइट्रेट , पोटेशियम , ग्लूकोज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह भी फ्लवोनोइड्स से बना है।
जिनसेंग के प्रकारों की बात करें तो सबसे ज्यादा एशिया में पायी जाने वाली जिनसेंग का उपयोग किया जाता है जिसे होम्योपैथिक दवाओं के पैकेज के रूप में भी जाना जाता है। यह एक लोकप्रिय स्वास्थ्य लाभकारी पदार्थ है जो मूल रूप से एक पौष्टिक जड़ी-बूटी है। यह साइबेरिया, उत्तरी चीन और कोरिया में पाया जाता है। इससकी जड़ गुदेदार होती है। इसका इस्तेमाल हजारों सालों से पारंपरिक चीनी चिकित्सा में किया जाता रहा है।
इसके सेहत पर कई लाभ होते हैं, साथ ही यह एक अच्छा एंटी-एजिंग तत्व भी माना जाता है। जिनसेंग में प्राकृतिक रूप से थैरापेटिक और एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज गुण होते हैं, जिससे ये त्वचा पर झुर्रियों को कम करने के साथ-साथ दिमागी तनाव को भी कम करता है। यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है। इसका उपयोग कई गंभीर रोगों का इलाज करने में किया जाता है।
जिनसेंग की जड़ को औषधी माना जाता है जिसे सूखाकर कैप्सूल और पाउडर के रूप में खाया जाता है। यह ज्यादातर एशियाई देशो जैसे चीन, कोरिया, नेपाल और वियतनाम में ज्यादा पाया जाता है। जिनसेंग ज्यादातर पेनेक्स कुल के पौधों की जड़ को जिनसेंग के लिए पूरी दुनिया में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता हैं।
यह पेनेक्स जिनसेंग चीन और कोरिया में मुख्य रूप से पाया जाता है। भारतीय जिनसेंग हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में उगता है। भारत में उत्पन्न, जड़ी बूटी बहुत अधिक या कम तापमान पर बढ़ती है, लेकिन शुष्क क्षेत्रों में सबसे अच्छी होती है। यह समुद्र तल पर या समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर बढ़ता है।
जिनसेंग का सेवन
जिनसेंग सूप
जिनसेंग कैप्सूल
जिनसेंग पाउडर
जिनसेंग के फायदे
पुरुशों की प्रजनन क्षमता में सुधार
एंठन या दौरे को रोकना
चिंता और तनाव दूर करना