वन तुलसी | Barbari Tulsi
वन तुलसी के विषय में –
भारत में तुलसी एक अतिपवित्र पौधा माना जाता है। विशेषतः वनतुलसी का भारतीय मंदिरों में काफी उपयोग किया जाता है, जहाँ लक्ष्मी के अवतार के रूप में इसकी पूजा की जाती है। इसके अलावा पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इसका उपयोग किया जाता है। माना जाता है इस पौधे की कई प्रजातियों में वनतुलसी सबसे स्वादिष्ट और सबसे कठिनता से उगाई जाने वाली किस्म है। अत्यधिक गुणकारी और लोकप्रिय वनतुलसी को मीठी तुलसी के रूप में भी जाना जाता है।
इसके तने और फूल सुगन्धित, सफेद-गुलाबी अथवा बैंगनी होते हैं। हिंदी में वनतुलसी को बर्बरी, बबुई तुलसी, गुलाल तुलसी, काली तुलसी, वन तुलसी, बार्बर, सबजा जैसे नामों से जाना जाता है। भारत के गर्म प्रदेशों में वन तुलसी या बर्बरी (TulsI ) की खेती होती है। यह प्रायः सभी जगह जैसे- बाग-बगीचों में मिलती है। सिंध, पंजाब, उत्तराखण्ड आदि प्रदेशों के पहाड़ी भागों पर यह अपने आप उत्पन्न होती है।
ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ भारत में ही पायी जाती है, इसे एशिया के अन्य देशों में, अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका सहित दुनिया भर में उगाया और इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग पाक-पकवान की तैयारियों में किया जाता है और कई प्रकार के लोकप्रिय व्यंजनों में स्वाद और सुगंध के लिए बड़े व्यापक रूप से इसका उपयोग किया जाता है। जैसा की नाम से पता चलता हैं, वनतुलसी, आमतौर पर पहाड़ों और जंगलों में पायी जाती है।
हिमालय के आसपास तलहटी में इसकी खेती भी की जाती है। इसमें तेज सुगंध होती है, जो शारीरिक और मानसिक प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा, यह हमारी सहनशक्ति को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। तुलसी के इस संस्करण में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर, लोगों को आयुष्मान बनाते है। जंगली तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ट्यूमर, एंटी-हाइपर लिपिडेमिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है।
बता दें कि जो लोग त्वचा संबंधित समस्याओं से परेशान है वह जंगली तुलसी के उपयोग से समस्या को दूर कर सकते हैं। आयुर्वेद में जंगली तुलसी का उपयोग कई समस्याओं, जैसे – सिरदर्द, कफ, डायरिया व कब्ज आदि के लिए किया जाता है। वन तुलसी के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो त्वचा रोगों से फायदा दिलाने में उपयोगी हैं। लेकिन इसका सीधा इस्तेमाल आपकी त्वचा पर करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूरी लें।
वनतुलसी के उपयोग
पिसे बीजों का सेवन
काढ़ा बनाकर
पत्तों का लेप
पत्तों का रस
वनतुलसी के फायदे
मोच आने पर लेप लगाएं
त्वचा संबंधी रोगों में राहत
रस सेवन से गले की तकलीफ दूर
घाव जल्दी भरे, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर