गुलदाउदी | Guldawadi
गुलदाउदी के विषय में –
भारत में सजावटी पौधे के साथ -साथ व्यावसायिक खेती वाला फूल जापान का राष्ट्रीय पौधा बन चुका है। गुलदाउदी की खेती Guldaudi Plant हजारों वर्ष पूर्व एशिया के भारत तथा चीन वाले भू-भाग से होते हुए इंग्लैंड, जापान, अमेरिका एवं विश्व के अन्य भागों में पहुंच गई है। इसकी खेती बहुत ही सहज एवं सरल है। इसे अच्छी धूप की आवश्यकता होती है और इसे तेज आंधी, गर्मी एवं बर्फवारी से बचाना चाहिए। जापान में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है एवं इसे वहां के राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा प्राप्त है।
गुलदाउदी के फूल अनेक रंगों के और बहुत ही मनमोहक होते हैं। गुलदाउदी का पौधा (Guldaudi Plant) लोग अक्सर अपने बागीचों में या गमलों में इसे लगाते हैं। सच बात तो यह है कि गुलदाउदी केवल शोभा बढ़ाने वाला फूल नहीं हैं बल्कि गुलदाउदी का इस्तेमाल औषधीय कार्यों के लिए भी किया जाता है। आधासीसी का दर्द यानी माइग्रेन सिर दर्द का एक प्रकार है, जो सिर के केवल आधे हिस्से में होता है, गुलदाऊदी के पत्तों को पीसकर मस्तक पर लगाने से आधासीसी के दर्द से आप छुटकारा पा सकते हैं।
गुलदाउदी एक सजावटी पौधा है जो सर्दियों में खिलता है। गुलदाउदी की लगभग 30 प्रजातियाँ पाई जाती हैँ। गुलदाउदी रंग में नीला, पीला, सपेद, बैंगनी, गुलाबी जैसे खिले हुए रंगों में पाया जाता है। इसकी पत्तियां भी अलग-अलग आकार की होती हैं। लोकिन गुलदाउदी के पत्तों का पैटर्न लगभग समान प्रकार का ही होता है। इसके पत्ते पत्ले, कपास य केरेल के पत्तों की तरह होते हैं।
गुलदाउदी के फूल छोटे और बड़े दो प्रकार के होते हैं। छोटे तथा सफेद अथवा पीले रंग के फूल वाली गुलदाउदी औषधि के लिए अधिक गुणकारी है। इस पर फूल और फल लगने का समय सितम्बर से फरवरी तक होता है। गुलदाउदी के फूलों के अलावा पत्तियां और जड़ भी बहुत फायदेमंद होती हैं। बड़े फूलों की बजाय गुलदाउदी के छोटे फूल अधिक फायदेमंद होते हैं। इसके फूलों और पत्तियों को सुखाकर रख लें और जरूरत पड़ने पर इन्हें पानी में उबालकर चाय के समान पिएं। यह प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों में लाभ देता है।
इसे अमेरिका में सामान्यत: ‘ग्लोरी ऑफ़ ईस्ट’ Glory of East या ‘मम’ भी संक्षिप्त रूप से कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति संभवत: चीन में मानी जाती है। यह बहुत विस्तृत रूप से बगीचे में उगाया जाता है तथा भारत में व्यावसायिक रूप से खेती किए जाने वाले पाँच फूलों में से एक है। इसका मुख्यत: माला बनाने के लिए, खुले फूलों के लिए, वेनी में लगाने, गुलदस्तों में सजाने एवं प्रदर्शनी के लिए तथा बगीचा सजाने में इस्तेमाल करते हैं। भारत में इसकी विस्तृत रूप से खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार, बंगाल एवं मध्यप्रदेश में होती है।
गुलदाउदी का सेवन
काढा़ बनाकर
फूलों की चाय बनाना
पत्ते, जड़, फूल के रूप में
फूलों के पेस्ट से सिरदर्द में आराम
गुलदाउदी के उपयोग
काढ़े से पेट दर्द में लाभ
माइग्रेन ठीक करने में मदद
आखों की जलन, खुजली करे दूर
कटे-जले में पेस्ट राहत दिलाए