वायगांव हल्दी | WAIGAON TURMERIC
Table of Contents
वायगांव हल्दी के विषय में –
वायगांव, महाराष्ट्र राज्य के वर्धा जिले की समुद्रपुर तहसील का एक छोटा सा गाँव है।पिछले कुछ सालों में वाईगांव ने अपनी अनूठी हल्दी के लिए रातों-रात प्रसिद्धि और सफलता हासिल की, जिसे 2016 में भौगोलिक संकेत टैग (जीआई) से सम्मानित किया गया था।
लगभग दो हजार से अधिक लोग या कहें इस गांव के कम से कम 80 प्रतिशत लोग पीढ़ियों से हल्दी की खेती कर रहे हैं। हल्दी का रोपण जून महिने में किया जाता है क्योंकि इस वक्त मानसून महाराष्ट्र में दस्तक दे चुका होता है। भारत हल्दी की दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश रहा है, जहाँ हर साल औसतन 46,000 टन हल्दी का निर्यात होता है, जिसके व्यापार की किमत लगभग 4,000 मिलियन रुपये से भी अधिक है।
वायगांव की काली मिट्टी और वर्धा नदी के पानी के कारण यहाँ की हल्दी बाकि जगहों की हल्दी के मुकाबले जल्दी पक कर तैयार हो जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाने वाली हल्दी की स्थापित किस्मों में से कम से कम सत्रह ऐसी किस्में हैं जिनमें 2.8 प्रतिशत से लेकर 9.3 प्रतिशत तक प्रभावशाली कर्क्यूमिन पाया जाता है जो export बाजार में प्रवेश कर रही हैं।
हल्दी का बाजार बड़े स्तर पर फैला हुआ है क्योंकि हर्बल फूड सप्लीमेंट्स, कॉस्मेटिक्स और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों में हल्दी की मांग अधिक है। वायगांव हल्दी में अन्य किस्मों की तुलना में गहरे पीले सरसों के जैसा रंग होता है। साथ ही इसकी सुगंध और रंग ने इसे हिंगनघाट, नागपुर और चंद्रपुर के पड़ोसी जिलों के व्यापारियों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया है।
Samagralay Review : Gaydhane Naisargik Sheti की Waigaon Turmeric :
5.5% से अधिक करक्यूमिन (curcumin) वाली वायगांव हल्दी वो भी सीधे वायगांव (महाराष्ट्र) के खेतों से….जी हां, भारत में दूसरी सबसे बेहतर हल्दी कोई है तो वो है वायगांव हल्दी। हमारे रिव्यू पेज पर जाने
Gaydhane Naisargik Sheti की Waigaon Turmeric के बारे में।
सेफ और साफ-सुथरी पैकेजिंग :
पैकेट पूरा खोला भी ना हो और डिब्बे में से हल्दी की तेज सुगंध आपको मिल जाए तो समझिए आपने सही हल्दी का चुनाव किया अपने खाने के लिए। यही कमान किया वायगांव की हल्दी ने। एकदम साफ सुथरे डिब्बे में पैक है ये वायगांव हल्दी जिसे सभी डिटेलिंग्स के साथ लैबल भी किया गया है। वायगांन हल्दी एकदम प्योर, जैविक और पौषण तत्वों से भरपूर होती है और इसमें करक्यूमिन की मात्रा भी 5 प्रतिशत से अधिक की है जो अपने आप में किसी भी हल्दी की सबसे जरूरी क्वालिटी है। करक्यूमिन जितना अधिक होगा हल्दी भी उतनी ही लाभदायक होती है।
सुगंध से भरपूर :
आजकल के खाने में खुशबू गायब हो चुकी है। रयासनिक खादों और प्रदूषित पानी की वजह से फसलों का पोषण खत्म होता है और उपज में भी खुशबू नहीं रहती इसीलिए खाने के लिए वही हल्दी चुनिए जो रसायन मुक्त हों। सामग्रालय पर भरोसा कर आप वायगांव हल्दी को अपने खान-पान में शामिल कर सकते हैं जिसकी खुशबू आपको सही प्रोजक्ट होने का एहसास दिलाती है।
सेहत के लिए खजाना है वायगांव हल्दी
• खांसी होने पर सेवन
• जुकाम को ठीक करे
• घावों पर लगाएं
• एंटी-वायरल का काम करे
वायगांव हल्दी के उपयोग :
खाने में, कॉस्मेटिक्स में, दवाईयों के तौर पर, फेस मास्क, फार्मास्युटिकल में, हर्बल फूड- सप्लीमेंट्स में वायगांव हल्दी का खासा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिनम अगर आपको शुद्ध हल्दी का इस्तेमाल करना है तो Gaydhane Naisargik Sheti की हल्दी का इ्स्तेमाल करें जो महाराष्टट्र के वर्धा जिले के समुद्रपुर तहसील में उगने वाली वायगांव हल्दी है जो काफी मशहूर है पूरे भारत भर में।
सामग्रालय का अनुभव :
हमारे लिए Gaydhane Naisargik Sheti की WAIGAON TURMERIC को टेस्ट करने का अनुभव काफी अच्छा रहा क्योंकि ये शुद्ध और लोकल हल्दी है जो सामान्यत: बाजार में अलग-अलग नामों से मिलती है या शद्ध रूप से नहीं मिलती या आम जनमानस के पास इसकी जानकारी नहीं है, जो स्वाद के साथ या कहें उससे ज्यादा सेहत के लिए फायदेमंद है। इसीलिए अगर आप यहाँ तक पहुंच ही गए है तो एक बार नीचे दिए गए फेन नंबर पर जाकर खुद को सेहतमंद बनाने की तरफ एक कदम बढ़ाएं।
वायगांव हल्दी का उपयोग
- खाने में, कॉस्मेटिक्स में
- दवाईयों के तोर पर
- फेस मास्क, फार्मास्युटिकल में
- हर्बल फूड सप्लीमेंट्स में
वायगांव हल्दी के फायदे
- खांसी होने पर सेवन
- जुकाम को ठीक करे
- घावों पर लगाएं
- एंटी-वायरल का काम करे