थालीपीठ आटा |Thalipeeth Flour
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थालीपीठ आटा के विषय में :
थालीपीठ एक स्वादिष्ट बहु-अनाज फ्लैटब्रेड है जो पश्चिमी भारत, विशेषकर महाराष्ट्र में लोकप्रिय है। थालीपीठ के लिए आटा, जिसे भजनी (bhajanee) कहा जाता है, भुने हुए अनाज, फलियां और मसालों से तैयार किया जाता है। सामग्री में चावल, गेहूं, बाजरा और ज्वार जैसे अनाज शामिल हैं। चना और उड़द जैसी फलियाँ और मसाले, आमतौर पर धनिया और जीरा।
आटा तैयार करते समय, अन्य सामग्री जैसे प्याज, ताज़ा धनिया, अन्य सब्जियाँ और मसाले मिलाए जाते हैं। थालीपीठ को आमतौर पर मक्खन, घी या दही के साथ परोसा जाता है। यह व्यंजन महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक में लोकप्रिय है, और इसे गोवा में क्षेत्रीय विविधताओं के साथ भी बनाया जाता है।
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कैसे बनाएं थालीपीठ –
एक बर्तन मे ज्वार, बाजरा, बेसन, चावल के आटे को मिलाकर उसमे धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, बारीक कटा प्याज़, हरी मिर्च एवं सेंधा नमक मिलाकर एकसार कर ले जिससे उसमे किसी तरह की गुठलियां न रहे। इसके बाद इसमे दही मिलाकर अच्छी तरह से गूंथ कर लगभग 15 मिनट के लिए रख दें । अब इस आटे की छोटी छोटी लोई बनाकर बेल लें और नॉन स्टिक पैन या तवे पर थोड़े से तेल या बटर लगाकर सुनहरा होने तक सेकें। थालीपीठ को दही या हरी मिर्च धनिया की चटनी के साथ सर्व करें।
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हेल्दी नाश्ता क्यों है जरूरी
थालीपीठ चूंकि मल्टीगग्रेन आटे से बनता है तो ऐसे में सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें मुख्य सामग्री ज्वार है जो कॉम्प्लेक्स कार्ब है जो धीरे-धीरे रक्त प्रवाह में अवशोषित होता है और शरीर में इंसुलिन की मात्रा को नहीं बढ़ने देता। दूसरी मुख्य सामग्री बेसन है जो जिससे अच्छी मात्रा में प्रोटीन भी आपको मिल जाता है। इस तरह से थालीपीठ के नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन मिल जाता है।
थालीपीठ का सेवन
- नाश्ते में सेवन करें
- दही के साथ
- मक्कखन के साथ
थालीपीठ के पौष्टिक तत्व
- फाइबर
- प्रोटीन
- बसा
- कार्ब
- उर्जा