गोखरू | Gokhru
गोखरू | Gokhru के विषय में –
गोखरू | Gokhru एक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता है। गोखरू के छोटे-छोटे फल होते हैं जिनको गोखरू कहा जाता है। इस जड़ी-बूटी का नाम गाय के खुर के नाम पर पड़ा है क्योंकि इनका आकार गाय के खुर की तरह होता है। इसका इस्तेमाल खासतौर पर वात, पित्त और कफ के उपचार में किया जाता है।
इसका वानस्पतिक नाम ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus Terrestris) है जिसे अंग्रेजी में गोक्षुर भी कहा जाता है। यह जीगोफिलसी परिवार से संबधित है। मूल रूप से यह औषधी भारत में उत्पन्न हुई है,यह मानी जाती है। व्यापक रूप से भारत और अफ्रीका के साथ-साथ, एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के कुछ हिस्सों में भी इसे पाया जाता है।
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यह पौधा कई शारीरिक बीमारियों के साथ ही स्किन और बालों की सेहत के लिए भी काफी लाभकारी माना जा सकता है। गोखरू का पौधा छोटा होता है। जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। इस पौधे के फूल, फल, बीज, टहनियां, पत्तियों के साथ-साथ इसकी जड़ का भी इस्तेमाल औषधी बनाने के लिए किया जा सकता है।
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इसके फल में ऊपर की सतह पर छोटे-छोटे कांटें होते हैं, जिसकी वजह से इसे यह नाम दिया गया होगा। यह पौधा शुष्क जलवायु में उगाया जा सकता है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेद के साथ-साथ पारंपरिक चीनी चिकित्सा में भी किया जाता है। इसके फल में मूत्रवर्धक, यौन प्रदर्शन सुधारने और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं।
इसके अलावा इस औषधी के जड़ों का इस्तेमाल अस्थमा, खांसी, एनीमिया और आंतरिक सूजन के उपचार में किया जा सकता है। साथ ही, इस पौधे की राख का उपयोग गठिया के उपचार में भी लाभकारी पाया जा सकता है।
कैसे खाएं गोखरू
गोखरू का पाउडर
गोखरू का अर्क
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गोखरू के फायदे
यूटीआई (UTI) का उपचार
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यौन समस्याओं को दूर करे