बोरिया मिर्च | BORIYA CHILLI
बोरिया मिर्च के विषय में –
बोरिया मिर्च विशिष्ट रूप से गोल होती है और बहुत तीखी होती है। यह दाल, कढ़ी और करी में तड़के के लिए ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिससे इनका रूप-रंग निखर जाता है। यह मिर्च सूखने पर लाल- भूरे रंग की होती है। यह किस्म दक्षिण में उगाई जाने वाली अन्य गोल-मिर्च किस्मों से भिन्न है, जो कम तीखी होती हैं।
कीमत के मामले में भी बोरिया मिर्च अधिक महंगी है। मिर्च को इसका नाम हिंदी शब्द बेर से मिला है। चंपानेर से पालनपुर तक गुजरात के छोटे पहाड़ी क्षेत्र, जो कि बड़ी अरावली रेंज के शुरुआती बिंदु हैं, बेर के पेड़ों के साथ देखे जाते हैं। बोरिया मिर्च भी बेर के फल से मिलती-जुलती है जी वजह से इस मिर्च का नाम बोरिया पड़ा।
बोरिया मिर्च लाल रंग और गोल आकार की होती है जिसका छिलका सूखने के बाद हल्का लाल रह जाता है और छिलका सिकुड़ जाता है। सिकुड़ने पर छिलका हल्का सख्त हो जाता है और मिर्च के अंदर के बीज बजने लगते हैं। बिल्कुल सूखे हुए गोल बेर की तरह। बोरिया मिर्च चुनते समय गोल, समान आकार वाली गहरे लाल रंग की मिर्च चुनें।
बोरिया मिर्च को संग्रह भी ध्यान से करें। धूल, पत्थर और डंठल आदि को निकाल कर अच्छे से साफ कर लें। साफ करने के बाद जार में डालकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें। ऐसा करने पर इसे आप साल भर कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
बोरिया मिर्च का प्रयोग
तड़का बनाने में
तीखा सॉस बनाने में
तीखी सब्जी बनाने में
दाल, कढ़ी आदि में मिलाएं
बोरिया मिर्च के फायदे
सर्दी जुखाम के बचाए
पाचन सुचारू रखे
मेटाबॉलिज्म बढ़ाए
रक्त के जमाव को ठीक करे