कला नमक | Black Salt
काला नमक के विषय में
हमारी भारतीय विरासत के खाने की सामग्रियों में जलवायु और स्वास्थ्य का खासा महत्त्व देखा जाता है। काला नमक इसी सभ्यता का एक हिस्सा है। नमक की यह किस्म प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नमक में चुनिंदा जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाई जाती है। इसका मिश्रण आँवला, हरड़ के बीज, बबूल की छाल और बहेड़ा के बीजों को बारीक पीसकर तैयार किया जाता है।
बच्चों के लिए फयदेमंद :
अधिकतर लोगों को लगता है कि जिस तरह से सेंधा नमक सीधे उपलब्ध होता है उसी तरह से काला नमक भी होता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। काला नमक भी कई तरह के प्रोसेस से होकर गुजरता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बच्चों के आहार में सोडियम की मात्रा को कम करने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें हृदय संबंधी जोखिम से दूर रखा जा सके। ऐसे में काला नमक का उपयोग बच्चों के लिए बेहतर साबित हो सकता है, क्योंकि काले नमक में टेबल साल्ट की तुलना में सोडियम कम मात्रा में होता है।
काले नमक के कई नाम :
काला नमक जिसे हिमालयन ब्लैक साल्ट, इंडियन साल्ट, लोबन, काला पाउडर, पाडा लोन जैसे स्थानीय नामों से जाना जाता है असल में हिमालय के आस-पास के इलाकों से ही आता है। ये मुख्यत: सोडियम क्लोराइड से बना होता है और क्योंकि इसमें कई तरह के इंग्रीडिएंट्स जैसे ग्रेफाइट आदि होते हैं तो उसका रंग कभी भूरा, कभी गाढ़ा बैंगनी, कभी, काला आदि दिखता है। ये जमीन पर निर्भर करता है कि उससे निकलने वाले नमक का रंग क्या होगा। अधिकतर लोगों को लगता है कि नमक हमेशा पानी से बनता है, लेकिन ये सही नहीं है। रॉक सॉल्ट पत्थर या जमीन से बनता है।
कैसे बनता है काल नमक :
प्राकृतिक काला नमक मुख्यत: चट्टानों से ही प्राप्त होता है, लेकिन वो सीधे खाने लायक नहीं होता है। कई प्रोसेस से इसे फिल्टर किया जाता है और फिर इसे खाने लायक बनाया जाता है। चट्टानों से निलके टुकड़ों को पीसा जाता है। इस मिश्रण का रंग भूरा होता है। इस भूरे मिश्रण को नमक के साथ मिलाकर बड़े मिट्टी के घड़ों में डाला जाता है। उन मिट्टी के घड़ों को काफी समय तक भट्टी में गरम किया जाता है। जिससे उसकी रासायनिक संरचना में बदलाव होता है और परिणामस्वरूप इसके स्वाद और सुगंध में बदलाव आ जाता है। उत्तर भारत में शायद ही कोई चाट या स्ट्रीट फ़ूड हो जो इस नमक का इस्तेमाल न करता हो। और हाँ काले नमक को सुलेमानी नमक के नाम से भी जाना जाता है।
स्वाद से भरपूर काला नमक :
गर्मियों में तो इसका इस्तेमाल काफी किया जाता है। उसका कारण ही ये है कि काला नमक बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होने के साथ-साथ एक ठंडा मसाला माना जाता है जो शरीर को ठंडक देता है। हालांकि, इसके कई फायदे बताए जाते हैं और आयुर्वेद की मानें तो पित्त दोष दूर करने से लेकर पेट की पाचन शक्ति को बेहतर बनाने तक काला नमक बहुत कुछ कर सकता है, लेकिन यकीन मानिए काला नमक हमेशा ही कुछ इस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए कि इसका कंजम्पशन ज्यादा ना हो।
काले नमक का सेवन
सामान्य नमक की जगह सेवन
सलाद पर छिड़काव करके
नींबू पानी में मिलाकर पिएं
दही वड़ा, भेल पुरी, पानी पुरी के साथ
चाट मसालों, पुदीने की चटनी में इस्तेमाल
काले नमक के फायदे
ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए फायदेमंद
सीने में जलन को दूर करे
एसिडिटी को कम करना
शरीर को ठंडक प्रदान करना
सोडियम की मात्रा कम