फुटका | रुगड़ा | Phutka
फुटका के विषय में –
जहाँ एक ओर पूरे भारत वर्ष में व्यावसायिक खेती-बाड़ी ज़ोरों शोरों पर है। वहीं झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा जैसे क्षेत्रों में वनोपज का महत्त्व आज भी है। वनोपज के इन्ही घटकों में से मशरुम की फुटका प्रजाति एक दुर्लभ प्रजाति है। फुटका जिसे पुतु भी कहते हैं दिखने में छोटे आकार का होता है। आम मशरुम के विपरीत ये ज़मीन के अंदर पैदा होता है। झारखण्ड के साल के जंगलों में मानसून के मौसम में ये उगता है।
झापखंड का मशहूर फुटका / Phutka
रूगड़ा मशरूम की प्रजाति का ही है। वैसे तो देश के कई भागों में यह पाया जाता है, लेकिन झारखंड में सबसे अधिक मात्रा मे पाया जाता है। झारखंड में यह सखुआ के वृक्ष के आसपास अधिक पाया जाता है। यह वहीं उगता है, जहां सखुआ वृक्ष की पत्तियां गिर कर सड़ती हैं। आदिवासियों में ऐसा मान्यता है कि बारिश जितनी ज्यादा होगी, रूगड़ा उतना ही अधिक निकलेगा। यह भी माना जाता है कि बादल जितना कड़केगा, रूगड़ा उतना ही निकलेगा।
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फुटका छोटी गेंद के आकार का होता है जिसमें तना नहीं होता। स्थानीय लोगों में ये काफी लोकप्रिय है। स्थानीय लोग जिन मसालों का इस्तेमाल मीट का रस्सा बनाने के लिए करते हैं उन्ही मसालों का इस्तेमाल इसके रस्से के लिए भी करते हैं। पीढ़ियों से चली आ रही जानकारी की मदद से आदिवासी इसको सही समय पर ढूंढ़कर ज़मीन से निकालते हैं और स्थानीय हाट पर ले जाते हैं। इसकी आयु 6 से 8 घंटे की होती है। क्यूंकि इसके बाद ये खराब हो जाते हैं।
फुटका / Phutka प्रोटीन से भरपूर
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में फुटका और दुर्लभ हो सकता है। इसको खोदने से लेकर धोने और सुखाने की प्रक्रिया काफी लम्बी है। उड़ीसा में इसे बोड़ा भी कहते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक फुटका और खुखड़ी में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है। साथ ही इसमें विटामिन बी, विटामिन सी सहित प्रचुर मात्रा में कई गुण पाए जाते हैं। इसमें कैलोरी कम और प्रोटीन भरपूर होता है, इस कारण यह मधुमेह रोगियों और हार्ट पेशेंट के लिए उत्तम आहार है।
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यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही सुपाच्य भी होता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कब्ज को दूर करता है। हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए उपयुक्त है। इसमें वसा काफी कम होता है, जिसके कारण यह मोटापा घटाने के इच्छुक लोगों के लिए उपयुक्त होता है। उच्च कोटि के प्रोटीन के साथ कई प्रकार के विटामिंस, जैसे विटामिन-सी, विटामिन डी, विटामिन-बी कांप्लेक्स, राइबोलेनिन, थाइमिन, विटामिन बी 12, फोलिक एसिड और लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम एवं तांबा पाए जाते हैं।
फुटका / Phutka के प्रकार
रूगड़ा दो प्रकार के होते हैं, सफेद और काला। सफेद रूगड़ा ज्यादा स्वादिष्ट माना जाता है। सावन आने के बाद अधिकतर लोग शाकाहारी भोजन करते हैं, उस समय यह मीट-चिकन की कमी पूरी करता है। तभी इसे शाकाहारी मटन भी कहा जाता है। सिर्फ रंग-रूप में ही नहीं गुणों में भी यह मशरूम के समान है।
फुटका / Phutka के व्ंयजन
सब्जी, सूप
मशरूम करी
फुटका मीट
फ्राइड फुटका
मसाला फुटका
फुटका / Phutka के लाभ
फुटका में वसा कम
हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल
कैलोरी की मात्रा कम
फुटका में भरपूर प्रोटीन
विटामिन बी, विटामिन सी भरपूर