दूधिया मशरूम | Milky White Mushroom
दूधिया मशरूम के विषय में –
दूधिया मशरूम या कहें मिल्की व्हाई्ट मशरूम एक स्वादिष्ट और प्रोटीनयुक्त तथा कम कैलोरी प्रदान करने वाला खाद्य पदार्थ है। इसमें पायी जाने वाली प्रोटीन में जरूरी अमीनो अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि वृद्धि और विकास के लिए बेहद जरूरी होता है।
दूधिया मशरूम एक खाद्य मशरूमों की ही एक प्रजाति है जो सफेद और लंबे आकार के मजबूत मशरूम होते हैं। इस समय हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना व्यापारिक स्तर पर मशरूम की खेती करने वाले प्रमुख उत्पादक राज्य है।
दूधिया मशरूम लंबे समय से देश के पूर्वी हिस्से में भारतीय आहार का हिस्सा रहे हैं। ये विशेष रूप से बंगाल और झारखंड के आसपास के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पाए जाते हैं। गर्मी के मौमस के बाद मानसून आने पर दूधिया मशरूम को इक्टठा किया जाता है। इसे लोकप्रिय रूप से धूधू के नाम से भी जाना जाता है। दूधिया मशरूम इन क्षेत्रों के अलावा तमिलनाडु में भी अच्छी खासी मात्रा में पाए जाते हैं। तमिलनाडु में दूधिया मशरूम की वाणिज्यिक खेती भी की जाती है।
दूधिया मशरूम के स्वाद की बात करें तो इसका स्वाद सूक्ष्म होता है और यह मुख्य रूप से मई ऐर अगस्त के बीच बाजारों में आसानी से बिकते हुए दिख जाता है। इसमें नमी कम होती है और पकने पर कम पानी छोड़ते हैं। दूधिया मशरूम खनिजों से भरपूर होते हैं और इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है।
दूधिया मशरूम की खेती के लिए तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस अच्छा माना गया है। जहाँ तापमान अधिक रहता है उधर नमी को वैज्ञानिक रूप से सुचारू बनाकर गर्मी के मौमस में भी दूधिया मशरूम की खेती आसानी से की जा सकती है।
दूधिया मशरूम को विभिन्न कृषि फसलों से प्राप्त अवशेषों जैसे भूसा, पुआल, परशीबीन के सूखे डंठल व गन्ना की खोई आदि पर आसानी से उगाया जा सकता है। इस मशरूम की खेती है के लिए भूसा या पुआल का अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है।
मिल्की व्हाई्ट मशरूम के व्यंजन
मशरूम सब्जी
मशरूम सूप
फ्राईड मशरूम
मिल्की व्हाई्ट मशरूम के फायदे
कोलेस्ट्रॉल कम करना
रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाना
विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत