कश्मीर विलो | Kashmir Willow
कश्मीर विलो के विषय में –
कश्मीर विलो (Kashmir Willow), वो पेड़ है जिससे क्रिकेट के बैट बनाए जाते हैं। भारत में अकेला कश्मीर ही ऐसा राज्य है जहां विलो पेड़ उगाया जाता है क्योंकि कश्मीर विलो Kashmir Willow को उगने के लिए ठंडे प्रदेशों की जरूरत होती है।
विलो ( Willow Tree) के प्रकार :
विलो पेड़ दो प्रकार के होते हैं कश्मीर विलो और इंगलिश विलो। इंगलिश विलो को इंग्लैंड में उगाया जाता है और कश्मीर विलो को कश्मीर में। इंग्लैंड के बाद कश्मीर ही ऐसी दूसरी जगह है, जहां विलो का पेड़ उगता है। कश्मीर विलो के पेड़ को पूरी तरह से बड़े होने में 15 से 20 साल लगते हैं।
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कश्मीर विलो (Kashmir Willow) के उपयोग :
कश्मीर विलो पर्णपाती पेड़ों और झाड़ियों की एक प्रजाति है। विलो पेड़ की लंबाई 10 से 30 मीटर तक की होती है और इसके तने का व्यास 1 मीटर का होता है। विलो तेजी से बढ़ने वाले तने वाले पेड़ हैं। क्रिकेट की लकड़ी के अलावा विलो का प्रयोग संदूक, झाडू, पालना इत्यादि बनाने में किया जाता है। कश्मीर विलो की लकड़ी कठोर, मजबूत और वजन में भारी होती है लेकिन इंग्लिश विलो की लकड़ी (Kashmir Willow) के मुकाबले हल्की होती है। कश्मीरी विलो के पेड़ की लकड़ी आसानी से दरकती नहीं है। कश्मीरी विलो के पौधों के तने से टोकरियां भी बनाई जाती है।
विलो से बैट बनने का इतिहास :
इंगलिश विलो की पांच प्रजातियां होती हैं। जिस प्रजाति का क्रिकेट बैट बनाया जाता है उसे सेलिक्स अल्बा ‘केरुलिया’ कहा जाता है जो कि इंगलिश विलो का साइंटिफिक नाम है। भारत में आजादी से पहले अंग्रेजों को क्रिकेट के बैट इंग्लैंड से मंगवाने पड़ते थे। इसी वजह से उन्होंने कश्मीर में विलो पेड़ को क्ल्टीवेट कराया। तभी से यहां पर कश्मीर विलो पेड़ उगाए जाते हैं। कश्मीर की जलवायु भी विलो पेड़ को प्रभावित करती है, वहां की जलवायु के कारण इंगलैंड के मुकाबले यहां के बैट भारी होते हैं।
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घरेलू क्रिकेट में इस्तेमाल होते हैं कश्मीर विलो के बैट :
अंतरराष्ट्रीय लैवल के क्रिकेट प्लेयर्स हालांकि कश्मीर विलो की जगह इंग्लिश विलो से बने बैट से ही खेलते है क्योंकि इंग्लिश विलो से बने बैट हल्के, मजबूत और होते है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि कश्मीर विलो में घवत्व और नमी होती है। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में कश्मीर विलो के बैट से ही खेला जाता है।
कश्मीर विलो के उपयोग
क्रिकेट बैट बनाना
संदूक, टोकरी, झाडू बनाने में इस्तेमाल
तने की छाल से चमड़े की टैनिंग में इस्तेमाल
लोक चिकित्सा में उपयोग
कश्मीर विलो छाल सूजन दूर करने में लाभकारी
रक्त के थक्के बढ़ने से रोकना
उच्च रक्तचाप के इलाज में मदद