किसी भी बेस्वाद सब्जी को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले का उपयोग करना बेहद जरूरी होता है। साथ ही जिस तरह स्वाद के लिए हम मसाले का यूज करते हैं, इसी तरह सेहत के लिए भी मसालों को शामिल किया जाता है। आज बात पीपली/Long Pepper मसाले की, जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन एंटी-इंफ्लेमेटरी वसा कार्बोहाइड्रेट विटामिन्स अमीनो एसिड मौजूद होते हैं और ये हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
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पीपली एक ऐसा मसाला है जिसे आप अपने भोजन में शामिल करेंगे तो ये स्वाद के साथ-साथ आपकी सेहत का भी खास ख्याल रखता है। पीपली मसाले की तासीर गर्म होती है इसलिए कोशिश करें कि इसका उपयोग ज्यादा मात्रा में न करें। पीपली (वानस्पतिक नाम: Piper longum), (पीपली, पीपरी, एवं अंग्रेज़ी: ‘लॉन्ग पाइपर’), पाइपरेसी परिवार का पुष्पीय पौधा है। इसकी खेती इसके फल के लिये की जाती है।
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इस फल को सुखाकर मसाले, छौंक एवं औदषधीय गुणों के लिये आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है। इसका स्वाद अपने परिवार के ही एक सदस्य काली मिर्च जैसा ही किन्तु उससे अधिक तीखा होता है। इस परिवार के अन्य सदस्यों में दक्षिणी या सफ़ेद मिर्च, गोल मिर्च एवं ग्रीन पैपर भी हैं। इनके लिये अंग्रेज़ी शब्द पैपर/ Pepper इनके संस्कृत एवं तमिल/मलयाली नाम पिप्पली से ही लिया गया है।
अगर आपको भी सर्दी के दिनों में ठंड लगने या जुकाम जैसी शिकायत रहती हैं तो आपके लिए पीपली मसाले का सेवन करना अच्छा रहेगा. बस आपको खांसी या जुकाम की समस्या होने पर थोड़े से पीपली के पाउडर में शहद मिला लेना है, इसके बाद थोड़ा-थोड़ा इसे खाएं। विभिन्न भाषाओं में इसके नाम इस प्रकार से हैं: संस्कृत पिप्पली, हिन्दी- पीपर, पीपल, मराठी- पिपल, गुजराती- पीपर, बांग्ला- पिपुल, तेलुगू- पिप्पलु, तिप्पली, फारसी- फिलफिल। अंग्रेज़ी- लांग पीपर, लैटिन- पाइपर लांगम।
खाने में मसालों के तौर पर
पाउडर बनाकर शहद के साथ
गैस होने पर काढ़ा बनाकर
दांत दर्द में पीपली चूर्ण (नमक, हल्दी सरसों के साथ)
दांत दर्द में राहत
खांसी, जुकाम ठीक करे
कब्ज, गैस में राहत दे
पाचन तंत्र विकार में फायदेमंद